आइयूसीएन की रेड लिस्ट में
विशेषज्ञों के अनुसार पिछले 10 साल में जंगली कुत्तों की संख्या में कमी आई है। कान्हा, पेंच और सतपुड़ा नेशनल पार्क में जंगली कुत्ते हैं, जबकि बांधवगढ़ और पन्ना नेशनल पार्क में सिर्फ मौजूदगी है। महाराष्ट्र में भी इनकी संख्या कम हुई है। उत्तर भारत के जंगलों में तो ये नजर ही नहीं आते। द इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आइयूसीएन) ने वाइल्ड डॉग को रेड लिस्ट में शामिल किया है।
मुक्की रेंज में लगाई कॉलर आइडी
रेंजर क्रांति झारिया ने बताया, कान्हा नेशनल पार्क के मुक्की रेंज में पिछले साल जंगली कुत्तों का सात का झुंड था, जो अब 14 का हो गया है। यहां 30 जून को एक वाइल्ड डॉग को कॉलर आइडी लगाई गई। इनकी टेरिटरी 100 वर्ग किमी में होती है। पार्क के फेन सेंक्चुरी, भैसानघाट और सूपखार रेंज में 40-45 जंगली कुत्ते बचे हैं। रिसर्च प्रोजेक्ट में बाघों के रहवास में जंगली कुत्तों के स्वभाव, प्रजनन दर और संख्या कम होने का कारण तलाशा जा रहा है। पेंच और सतपुड़ा के आधा दर्जन कुत्तों को भी कॉलर आइडी लगाई जाएगी।
नेशनल पार्कों में जंगली कुत्तों की संख्या लगातार कम हो रही है। यह जैव विविधता के लिए खतरा है। रिसर्च प्रोजेक्ट में इनकी संख्या कम होने का कारण पता लगाया जाएगा। इन्हें संरक्षित करने की रिपोर्ट मध्य प्रदेश शासन को भेजी जाएगी।
डॉ. उज्ज्वल कुमार, प्रोजेक्ट साइंटिस्ट, डब्ल्यूआइआइ, देहरादून