अनजान व्यक्ति को दी मदद
रात 12 बजे मेन स्टेशन के पास से कपिल ठडानी गुजर रहे थे। तब नाले मे गिरे हुए एक व्यक्ति पर उनकी नजर पड़ी। वह बेहोश पड़ा हुआ था। तुरन्त 108 नंबर पर कॉल कर मदद मांगी और उस व्यक्ति को सरकारी अस्पताल में एडमिट कराया गया। बेहोश व्यक्ति के पास मिले चार सौ रुपए अगले दिन लौटाए। वह व्यक्ति एक रिक्शा चालक था। कपिल बताते हैं कि हर किसी के अंदर मदद का भाव होना चाहिए। उन्हें इस तरह लोगों की मदद करने में खुशी मिलती है।
दर्द से पीडि़त व्यक्ति को दिया प्राथमिक उपचार
दमोहनाका के पास राहुल तिवारी ने एक व्यक्ति को बाहर सोते देखा, जिसके पैर पर लगी चोट के बारे मे पता चला। राहुल ने चोट को साफ कर पास के मेडिकल से दवाई पट्टी लाकर उपचार किया। उस व्यक्ति के पैर में बड़ा घाव था, जिसमें कीड़े भी लग चुके थे। यह केवल एक नहीं, बल्कि और भी कई किस्से हैं, जब राहुल ने लोगों की मदद की। वे अन्य लोगों को भी दूसरों की मदद करने की सीख देते हैं।
…ताकि किसी का जीवन बचे
21 वर्ष के शिखर युवा उम्र में ही बड़ी सोच रखते हैं। उन्होंने अंगदान करने फैसला किया है। उन्होंने पूरे बॉडी के ऑर्गन डोनेट करने का संकल्प किया है। शिखर का मानना है कि अगर वे किसी के काम आ सकें तो इससे ज्यादा ख़ुशी की बात क्या हो सकती है। जीवन के साथ-साथ मृत्यु के बाद भी वे किसी का सहारा बनना चाहते हैं।
बच्चों को कर रहीं शिक्षित
शैली दीवान बच्चो की शिक्षा, महिलाओं के बीच सेनेटरी पैड्स उपलब्ध कराने का कार्य कर रही हैं। कॉलेज स्टूडेंट होते हुए वे मानवता के लिए नेक काम का हिस्सा बनी हुईं। वे जरूरतमंद लोगों तक खाना पहुंचना, ब्लड डोनेट करने में भी अहम भूमिका निभा रही हैं।