मदन महल से पुराने बस स्टैंड की ओर बनाया जा रहा नॉन मोटराइज्ड ट्रांजिट डेढ़ किमी लम्बा होगा। यह मार्ग आगामी दिनों में बेहद सुविधाजनक होगा। नॉन मोटराइज्ड ट्रांजिट का निर्माण टै्रफिक के दबाव को देखते हुए किया जा रहा है।
चार मीटर चौड़ा होगा साइकिल ट्रैक
नाले के ऊपर चार मीटर चौड़ा साइकिल ट्रैक बनाया जा रहा है। इस ट्रैक पर वाहनों का चलना प्रतिबंधित रहेगा। साइकिल ट्रैक के बगल से तीन मीटर चौड़ा पैदल ट्रैक भी बनाया जा रहा है। साइकिल ट्रैक के साथ ही बगीचा भी बनाया जा रहा है। बसाहट और नाले के बीच की जगह पर लैंडस्केपिंग का कार्य चल रहा है। यहां विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपे जाने के साथ ही हरियाली बिखेरी जा रही है। यहां बैठने की भी व्यवस्था भी होगी।
दोनों ओर होगी अंडरग्राउंड नाली
साइकिल ट्रैक के दोनों ओर अंडर ग्राउंड नाली बनाई गई है। इसमें उन घरों के आउट लेट को भी जोड़ा गया है, जो ट्रैक से लगे हुए हैं। घरों और बरसात का पानी सीधे नाले में जाएगा।
प्रकाश व्यवस्था भी
एनएमटी पर प्रकाश की भी व्यवस्था की जाएगी। इससे रात में भी ट्रैक का इस्तेमाल हो सकेगा। जानकारों का कहना है कि लोगों व ट्रैक की सुरक्षा के लिए डेढ़ किलोमीटर लम्बे मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे।
नॉन मोटराइज्ड ट्रांजिट एक नजर में
– कहां तक : मदन महल से बस स्टैंड तक
– लम्बाई : 1.2 किमी
– साइकिल ट्रैक की चौड़ाई : 4 मीटर
– पैदल ट्रैक की चौड़ाई : 3 मीटर लैंडस्केपिंग
– लागत : 7.15 करोड़ रुपए