scriptTraffic : नॉन मोटराइज्ड ट्रांजिट से शहर में कम होगा ट्रैफिक का दबाव | Traffic : Non-motorized transit will reduce traffic pressure in city | Patrika News

Traffic : नॉन मोटराइज्ड ट्रांजिट से शहर में कम होगा ट्रैफिक का दबाव

locationजबलपुरPublished: Sep 15, 2019 07:20:44 pm

Submitted by:

praveen chaturvedi

शहर के पक्के नालों पर कॉन्क्रीट का स्लैब डालकर उसे विकसित किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इन नालों के जरिए ट्रैफिक को सुगम बनाने का रास्ता तैयार किया जा रहा है।इस पर हरियाली का भी ध्यान रखा जा रहा है। इस मार्ग को नॉन मोटराइज्ड ट्रांजिट (एनएमटी) का नाम दिया गया है।

non motorized transit in jabalpur

non motorized transit in jabalpur

जबलपुर। शहर के पक्के नालों पर कॉन्क्रीट का स्लैब डालकर उसे विकसित किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इन नालों के जरिए ट्रैफिक को सुगम बनाने का रास्ता तैयार किया जा रहा है।इस पर हरियाली का भी ध्यान रखा जा रहा है। इस मार्ग को नॉन मोटराइज्ड ट्रांजिट (एनएमटी) का नाम दिया गया है।

मदन महल से पुराने बस स्टैंड की ओर बनाया जा रहा नॉन मोटराइज्ड ट्रांजिट डेढ़ किमी लम्बा होगा। यह मार्ग आगामी दिनों में बेहद सुविधाजनक होगा। नॉन मोटराइज्ड ट्रांजिट का निर्माण टै्रफिक के दबाव को देखते हुए किया जा रहा है।

चार मीटर चौड़ा होगा साइकिल ट्रैक
नाले के ऊपर चार मीटर चौड़ा साइकिल ट्रैक बनाया जा रहा है। इस ट्रैक पर वाहनों का चलना प्रतिबंधित रहेगा। साइकिल ट्रैक के बगल से तीन मीटर चौड़ा पैदल ट्रैक भी बनाया जा रहा है। साइकिल ट्रैक के साथ ही बगीचा भी बनाया जा रहा है। बसाहट और नाले के बीच की जगह पर लैंडस्केपिंग का कार्य चल रहा है। यहां विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपे जाने के साथ ही हरियाली बिखेरी जा रही है। यहां बैठने की भी व्यवस्था भी होगी।

दोनों ओर होगी अंडरग्राउंड नाली
साइकिल ट्रैक के दोनों ओर अंडर ग्राउंड नाली बनाई गई है। इसमें उन घरों के आउट लेट को भी जोड़ा गया है, जो ट्रैक से लगे हुए हैं। घरों और बरसात का पानी सीधे नाले में जाएगा।

प्रकाश व्यवस्था भी
एनएमटी पर प्रकाश की भी व्यवस्था की जाएगी। इससे रात में भी ट्रैक का इस्तेमाल हो सकेगा। जानकारों का कहना है कि लोगों व ट्रैक की सुरक्षा के लिए डेढ़ किलोमीटर लम्बे मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे।

नॉन मोटराइज्ड ट्रांजिट एक नजर में
– कहां तक : मदन महल से बस स्टैंड तक
– लम्बाई : 1.2 किमी
– साइकिल ट्रैक की चौड़ाई : 4 मीटर
– पैदल ट्रैक की चौड़ाई : 3 मीटर लैंडस्केपिंग
– लागत : 7.15 करोड़ रुपए

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