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शंकराचार्य बोले- नर्मदा से रेत निकालनेवालों को बना रहे मंत्री

locationजबलपुरPublished: Feb 06, 2018 10:41:26 am

Submitted by:

deepak deewan

स्वामी स्वरूपानंद ने कहा- ऐसे में कैसे होगा नर्मदा का संरक्षण

swami swaroopanand saraswati statement in jabalpur

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जबलपुर। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर नर्मदा संरक्षण पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया है। प्रदेश में हाल ही में हुए मंत्रीमंडल के विस्तार की ओर इशारा करते हुए स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि रेत निकालने वाले मंत्री बन रहे हैं। शंकराचार्य स्वरूपानंदजी ने कहा कि एक तरफ तो नर्मदा संरक्षण की बात की जाती है, दूसरी तरफ रात-रात भर नर्मदा से मशीनों द्वारा रेत निकालने वालों को मंत्री बनाकर पुरस्कृत किया जा रहा है। गौरतलब है कि तीन दिन पूर्व ही प्रदेश मंत्रीमंडल का विस्तार कर तीन नए मंत्रियों को शामिल किया गया है। निमाड़ के बाबूलाल पाटीदार, ग्वालियर-भिंड क्षेत्र के नारायणसिंह कुशवाहा और महाकौशल क्षेत्र से नरसिंहपुर विधायक जालमसिंह पटेल को मंत्री बनाया गया है। शंकराचार्य ने चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल पर भी सवाल उठाए।

कई विषयों पर की बातचीत
सोमवार को शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जबलपुर में थे। सिविक सेंटर के बगलामुखी मंिदर में उनसे कई प्रमुख संगठनों के पदाधिकारियों ने मुलाकात की। इनमें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा इकाई सहित समस्त अनुषांगिक संगठनों के प्रचारक प्रमुख शिवराम समदडिय़ा, वेटरनरी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. गोविंद मिश्रा भी शामिल थे। इस दौरान श्रीराम जन्म भूमि मामला, गौ हत्या, समरसता जैसे विषयों पर व्यापक बातचीत हुई। सूत्रों के अनुसार चर्चा के दौरान शंकराचार्य ने आदि शंकराचार्य की मूर्ति स्थापित करने के प्रदेश सरकार के फैसले पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि कहीं भी मूर्ति स्थापित कर देना गलत है, इसको बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंंने यह भी कहा कि सरकार इतिहास के विरुद्ध काम कर रही है। शंकराचार्य ने इसी दौरान नर्मदा संरक्षण मुद्दे पर भी प्रदेश सरकार को घेरा।

ईवीएम का इस्तेमाल गलत
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल पर भी सवाल उठाए। उन्होंंने कहा कि निर्वाचन में हार-जीत ईवीएम से ही तय होती है और इस तरह ईवीएम मशीन भी जज की तरह है। हरेक मशीन खराब हो सकती है, ऐसे ही ईवीएम मशीनों में भी गड़बड़ी हो सकती है। इसलिये उनके द्वारा निर्वाचन करना न्याय विरूद्ध है।

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