scriptफलों के ‘पाल’ से सेहत बिगडऩे का खतरा | Risk of health by 'pal' of fruits, see video | Patrika News

फलों के ‘पाल’ से सेहत बिगडऩे का खतरा

locationजबलपुरPublished: Apr 18, 2019 08:41:36 pm

Submitted by:

manoj Verma

कृषि उपज मंडी में दुकानों के सामने सड़क पर लग रहे पाल , गैस की गंध से दुकान के कर्मचारियों सहित बाजार करने वाले लोग प्रभावित

krishi upaj mandi jabalpur

कृषि उपज मंडी में दुकानों के सामने सड़क पर लग रहे पाल , गैस की गंध से दुकान के कर्मचारियों सहित बाजार करने वाले लोग प्रभावित

जबलपुर । कृषि उपज मंडी में दुकान के सामने सड़क पर केले सहित अन्य फलों को पकाने के लिए ‘पाल’ लगाए जा रहे हैं। फल पकाने के लिए लगाए जाने वाले पाल की गंध से वातावरण खराब हो रहा है। पाल में डाले जाने वाले एसीड की गंध से सेहत खराब होने का खतरा बना हुआ है। दुकान से लेकर सड़क तक चलने वाले इस देसी कारोबार से किसी को सरोकार नहीं है।
कृषि उपज मंडी में कुछ ही दुकानों को छोड़कर पीछे के हिस्से में अधिकांश दुकानों के बाहर सड़क पर पाल लगाया जा रहा है। यह पाल आम, केले, संतरे आदि के हैं। सीजन के हिसाब से यहां फलों के पाल बदल दिए जाते हैं। ये पाल कई दिनों तक इसी हालत में रहते हैं, जिनसे एसीड की गंध आती रहती है।
दस-दस दिन में खुलते हैं पाल
जानकारों का कहना है कि बाहर से आने वाले अधकच्चे माल को मंगाया जाता है। फलों को एकत्र करके सड़क पर एसीड डालकर उसे थर्माकोल और पॉलीथिन से ढांककर उस पर कचरा भर दिया जाता है। दस दिनों तक लगने वाले पाल में एसीड की गंध रहती है। इस गंध से दुकान के कर्मचारियों सहित बाजार करने वाले लोग प्रभावित होते है।
रोकने वाला कोई नहीं
कृषि उपज मंडी में पके फलों का व्यापार किया जाता है। गौरतलब है कि पहले मंडी फुहारा के करीब थी, जहां गंजीपुरा, खजांची चौक, अंधेरदेव आदि के घरों में फलों का पाल लगाया जाता था। इस पाल लगाने की सूचना पर खाद्य विभाग ने छापा भी डाला था, जिसके बाद यह पाल लगाना बंद हुआ था। जानकार कहते हैं कि यहां पाल लगाने पर रोक लगाने वाला कोई नहीं आता है, जिससे यहां खुलकर पाल लगाकर लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है।
एेसे लग रहा पाल
फलों को एथीलिन वॉश करने के बाद उसे जमाया जाता है। फलों के ढेर में हवा रोकने के लिए जमीन पर पहले पॉलीथिन बिछाया जाता है। फल जमाने के बाद उसके बीच में कार्बाइड रखा जाता है। कार्बाइड रखने के बाद उस पर थर्माकॉल के बाद पॉलीथिन से बंद कर दिया जाता है। फलों को गर्मी देने के लिए पाल पर फलों का कचरा भर दिया जाता है।
तीन घंटे में हरे फल हो जाते हैं पीले
जानकारों का कहना है कि केले, आम एेसे फल हैं, जो मात्र तीन घंटे के पाल में हरे से पीले हो जाते हैं। इसे ज्यादा देर नहीं रखा जाता है, जिससे यह फल आवश्यकता से भी अधिक पक जाते हैं। फलमंडी के हालात यह है कि यहां तड़के पाल लगाया जाता है और बाजार लगते ही इसे खोला जाता है, जिससे एसीड और कार्बाइड की गंध बाजार में रहती है।
एक्सपर्ट ओपेनियन
रसायनयज्ञ प्रो. एचबी पालन का कहना है कि कार्बाइड और एथीलिन की गंध शरीर के लिए खतरनाक है। कार्बाइड हवा के साथ मिश्रित होकर खतरनाक गैस बनाता है। भोपाल कांड में भी इसी गैस का रिसाव हुआ था, जो बड़ी त्रासदी का कारण बना था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो