राखी बांधने के दौरान खास मंत्र का उच्चारण करें –
मंत्र : ‘येन बद्धो बली राजा, दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वां प्रतिबध्नामि, रक्षे! मा चल! मा चल’
अर्थात – जिस प्रकार राजा बलि में रक्षा सूत्र से बंधकर विचलित हुए बिना अपना सब कुछ दान कर दिया, उसी प्रकार हे रक्षा! आज मैं तुम्हें बांधता हूं, तू भी अपने उद्देश्य से विचलित न होना और दृढ़ बना रहना ॥
रक्षाबंधन 2018
वर्ष 2018 में रक्षा बंधन 26th अगस्त 2018, रविवार को मनाया जाएगा।
रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का मुहूर्त
रक्षा बंधन 2018 राखी बांधने का शुभ मुहूर्त = 05:59 से 05:25 तक।
मुहूर्त की अवधि = 11 घंटे 26 मिनट।
रक्षा बंधन में अपराह्न मुहूर्त = 01:39 से 04:12 तक।
मुहूर्त की अवधि = 02 घंटे 33 मिनट।
रक्षा बंधन के दिन भद्रा सूर्योदय से पूर्व ही समाप्त हो जाएगी।
सावन माह की पूर्णिमा तिथि 25th अगस्त 2018, शनिवार 03:16 से प्रारंभ होगी।
जिसका समापन 26th अगस्त 2018, रविवार 05:25 पर होगा।
रक्षा बंधन कीपौराणिक कथा-
रक्षा बंधन में सबसे अधिक महत्व राखी यानी रक्षा सूत्र का होता है। राखी कच्चे सूत के धागे जैसी सस्ती वास्तु से लेकर डिजाइनर सूत, रंगीन कलावे, रेशमी धागे, नग मोती लगे धागों और सोने चांदी जितनी महंगी वस्तुओं तक की हो सकती है। वैसे तो रक्षा बंधन का पर्व भाई बहन मनाते है लेकिन वास्तव में इसकी पहल पति-पत्नी ने की थी।
पुराणों के मुताबिक एक समय दानवो ने देवताओ पर आक्रमण कर दिया था। जिसमे देवताओ की पराजय होने लगी थी। स्वर्ग लोक में मचे इस हाहाकार से देवराज इंद्र की पत्नी घबरा गई और अपने स्वामी के प्राणों की रक्षा करने के तप करने लगी। तप करने से उन्हें एक रक्षा सूत्र प्राप्त हुआ जिसे शचि (इंद्र की पत्नी) ने इंद्र की कलाई पर बांध दिया। शचि में इस रक्षा सूत्र को सावन महीने की पूर्णिमा के दिन इंद्र की कलाई पर बंधा था इसलिए इसे रक्षा बंधन कहा जाता है। रक्षा सूत्र प्राप्त होने के पश्चात देवताओ की जीत हुई और दानव पाताल लोक वापस चले गए।