जबलपुरPublished: Sep 20, 2019 11:15:01 pm
Mayank Kumar Sahu
हाईकोर्ट ने छात्र हित में दिया फैसला, छात्रों ने मनाई खुशियां, निजि विवि के छात्रों को शासकीय कृषि विवि में प्रवेश पर लगाई रोक, आईसीएआर से मान्यता की अनिवार्य
Quality will increase in agricultural education, students’ happiness over decision
जबलपुर।
कृषि शिक्षा के निजीकरण के विरोध आंदोलन कर रहे कृषि विवि के छात्रों के हित में विगत दिवस हाईकोर्ट द्वारा छात्रों के पक्ष में दिए गए फैसले पर शुक्रवार को छात्रों ने खुशियां मनाई। फैसले में निजी कृषि विवि के छात्रों को शासकीय कृषि विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर प्रवेश पर रोक लगाने के निर्णय का स्वागत किया। छात्र गोपी आंजना, अजय राय, राजेश आर्वे ने कहा कि निजी कृषि विवि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से मान्यता प्राप्त नहीं है उनको शासकीय कृषि विवि में पीजी में प्रवेश नहीं दिया जाए। इस फैसले से कृषि शिक्षा की गुणवत्ता बनी रहेगी एवं किसानों को भी इसका प्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा। जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि के छात्रों ने ढोल नगाड़े एवं आतिशबाजी के द्वारा अपने उत्साह को जाहिर कर पं. जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर संजीव मीणा, राहुल कुंभारे, लक्ष्मण लववंशी, रोहित परमार समेत विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्र उपस्थित रहे।
एक माह तक चला आंदोलन
निजी विश्वविद्यालयों कॉलेजों में यूजी, पीजी में सीधे प्रवेश दिए जाने एवं आईसीएआर से मान्यता न होने को लेकर एक माह तक प्रदेशभर में कृषि छात्रों का आंदोलन चला था। छात्रों का कहना था कि न तो कॉलेजों के पास इंफ्रास्ट्रक्चर है न ही छात्रों के प्रवेश प्रक्रिया के कोई नियम कानून। न ही आईसीएआर से मान्यता प्राप्त हैं। जबकि वे आलइंडिया बेस पर काम्पटीशन के माध्यम से प्रवेश ले रहे हैं। निजी महाविद्यालयों की मनमानी को लेकर छात्रों ने आमरण अनशन से लेकर धरना प्रदर्शन तक किया। छात्र अपनी मांगों को लेकर हाईकोर्ट तक पहुंचे जिसपर छात्रों के हित में निर्णय पर प्रदेश भर के कृषि छात्रों में खशी की लहर छा गई।