अभिभावकों से प्राप्त शिकायतों पर जिला प्रशासन ने 75 स्कूल संचालकों और पांच पुस्तक विक्रेताओं को 10 अप्रेल को नोटिस जारी किया था। इसमें 25 अप्रेल तक जवाब पेश करने के लिए कहा गया था। समय सीमा पूरी होने को तीन दिन शेष हैं। इधर, जिन स्कूल संचालकों और पुस्तक विक्रेताओं ने नोटिस का जवाब दिया है। प्रशासन की टीम तथ्यों के आधार पर उनका परीक्षण कर रही है।
प्रशासन की टीम ने एक ओर जहां पुस्तक विक्रेताओं और निजी स्कूल संचालकों के खिलाफ जांच की, वहीं अभिभावकों को उचित मूल्य पर कॉपी-किताबें उपलब्ध कराने के लिए पुस्तक मेले का भी आयोजन किया था।
सूत्रों की मानें तो स्कूल संचालकों के ऑर्डर पर पुस्तकें प्रिंट करने वाले प्रकाशकों की जानकारी प्रशासन ने जुटा ली है। एनसीइआरटी की पुस्तकों के बाजार मूल्य से दस गुना अधिक कीमत पर पुस्तकें प्रिंट करने में स्कूल संचालकों और प्रिंटर्स के बीच एजेंट्स की भूमिका अहम होती है। वे स्कूल प्रबंधन द्वारा दिए गए सिलेबस और छात्र संख्या के हिसाब से पुस्तकें सप्लाई करते हैं। पुस्तकविक्रेता निजी स्कूल तय करते हैं। इनमें कई प्रकाशक यूपी-दिल्ली के पाए गए हैं।