ये है मामला
जानकारी के अनुसार बुधवार को राजुल सिटी के पास प्रशिक्षु आइपीएस रवींद्र वर्मा ने सटोरिए श्याम कुमार चौधरी के घर पर दबिश दी। उसके घर से मिली डायरी में पुलिस वालों का काला-चि_ा दर्ज मिला। श्याम कुमार ने पूछताछ में डायरी के बावत बताया कि थाने से अलग-अलग लोग आते थे, इसलिए उसने सबके नाम लिखे हैं। जब भी कोई पुलिस कर्मी वहां से गुजरता तो 300 से 500 रुपए वह उनकी जेब में नजराना पेश कर देता। डायरी में दिसम्बर व जनवरी तक का हिसाब लिखा हुआ है।
अब नहीं मिलेगा शहर का थाना- एसपी ने प्रधान आरक्षक कैलाश मिश्रा, खेमकरण डेहरिया, प्रमोद कुमार दीक्षित, दीपक, ओमप्रकाश मिश्रा, रवीन्द्र नेगी व गोपाल सिंह सहित आरक्षक प्रिंस कुमार यादव, रंजीत यादव, मनीष तिवारी, राजेश नाग, राजेश तिवारी, ओम नारायण, रामगरीब, रत्नेश, दिनेश बघेल, नीरज राव, रमेश सिंह, वीरेन्द्र, राजेश चौरसिया, शिवशंकर द्विवेदी, विनय तिवारी, मानस उपाध्याय, हरिओम मिश्रा को सटोरिए की डायरी के आधार पर निलम्बित किया है। बहाली के बाद भी किसी को शहर के थाने में पदस्थ नहीं किया जाएगा।
इससे पहले भी लग चुका है दामन में दाग
03 जनवरी को केंट थाना क्षेत्र में जामा मस्जिद के सामने और सतीश का बगीचा निवासी पारुल रजक के यहां सट्टे की सूचना पर कार्रवाई की थी। 1.33 लाख रुपए जब्त किए थे। तब भी पुलिस वालों के दामन पर छींटे पड़े थे। एएसपी दीपक शुक्ला ने केंट थाने में पदस्थ आरक्षक ओमप्रकाश व सुमित को निलंबित करते हुए टीआइ को शोकॉज नोटिस जारी किया था।
29 सितम्बर को धनवंतरी नगर में अधिकारियों को लेकर सामने आए वीडियो कांड में महिला थाने के एएसआइ आरपी गोटिया व एक अन्य पुलिस कर्मी को निलम्बित कर दिया था। कुछ कथित लोग पुलिस के साथ मिलकर अधिकारियों को ब्लैकमेल करने कॉलगर्ल भेजे थे।
जुलाई 2018 में भाई की आत्महत्या के मामले में पीडि़त परिवार की युवती को आधी रात को फोन लगाकर आपत्तिजनक बातें करने वाले तत्कालीन रांझी टीआइ अजय राजौरिया को निलम्बित किया गया था।