पहले स्टेज में लापरवाही से नुकसान
सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों के अनुसार गांवों में झोलाछाप डॉक्टर्स सक्रिय हैं। कई बार मरीज को जरूरत न होने पर भी गलत इंजेक्शन दे दिया जाता है। इससे स्वास्थ्य को गम्भीर नुकसान होता है। कई केस में परिजन बिना किसी जांच के देशी दवा और झाडफ़ूक का सहारा लेते हैं। ऐसे केस में समय पर जांच नहीं होने और मर्ज पकड़ में नहीं आने के कारण ग्रामीणों की तबीयत बिगड़ जाती है। कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में शराब का ज्यादा सेवन करने के कारण भी पेट के गम्भीर मर्ज और संक्रमण की शिकायत लेकर मरीज आ रहे हैं।
सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों के अनुसार गांवों में झोलाछाप डॉक्टर्स सक्रिय हैं। कई बार मरीज को जरूरत न होने पर भी गलत इंजेक्शन दे दिया जाता है। इससे स्वास्थ्य को गम्भीर नुकसान होता है। कई केस में परिजन बिना किसी जांच के देशी दवा और झाडफ़ूक का सहारा लेते हैं। ऐसे केस में समय पर जांच नहीं होने और मर्ज पकड़ में नहीं आने के कारण ग्रामीणों की तबीयत बिगड़ जाती है। कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में शराब का ज्यादा सेवन करने के कारण भी पेट के गम्भीर मर्ज और संक्रमण की शिकायत लेकर मरीज आ रहे हैं।
जागरुकता के अभाव में दहशत
बरगी विधानसभा के नानखेड़ी ग्राम पंचायत में बीते 9-10 माह में करीब 15 लोगों की मौत हुई। महज साढ़े चार सौ की आबादी वाले गांव में एक-एक के बाद एक मौत से ग्रामीण दहशत में आ गए। हालांकि, गांवों में मृतकों की आयु और मौत की वजह अलग-अलग है। ग्राम पंचायत के जिम्मेदार भी मानते हैं कि सभी मौतें प्राकृतिक हैं। लेकिन, गांव में कम समय में अंतराल में मौतों से ग्रामीण के मन में जादू-टोने का अंधविश्वास घर कर गया है। अब वे किसी के भी मामूली बीमार होने पर घबरा जाते हैं।
बरगी विधानसभा के नानखेड़ी ग्राम पंचायत में बीते 9-10 माह में करीब 15 लोगों की मौत हुई। महज साढ़े चार सौ की आबादी वाले गांव में एक-एक के बाद एक मौत से ग्रामीण दहशत में आ गए। हालांकि, गांवों में मृतकों की आयु और मौत की वजह अलग-अलग है। ग्राम पंचायत के जिम्मेदार भी मानते हैं कि सभी मौतें प्राकृतिक हैं। लेकिन, गांव में कम समय में अंतराल में मौतों से ग्रामीण के मन में जादू-टोने का अंधविश्वास घर कर गया है। अब वे किसी के भी मामूली बीमार होने पर घबरा जाते हैं।
अस्पतालों में मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य जागरुकता की हरसम्भव कोशिश की जाती है। इसके कारण ही अब लोग बीमारी और जरूरत के अनुसार शहर तक उपचार के लिए आ रहे हैं।
डॉ. एमएम अग्रवाल, सीएमएचओ
ग्रामीण क्षेत्रों से मरीज केस बिगडऩे के बाद अस्पताल पहुंचते हैं। पहले गलत उपचार के कारण उनकी हालत काफी बिगड़ चुकी होती है। मर्ज को पहचाने बिना दवा दे दिए जाने के कारण नुकसान की आशंका रहती है।
डॉ. पंकज बुधौलिया, चिकित्सक
डॉ. एमएम अग्रवाल, सीएमएचओ
ग्रामीण क्षेत्रों से मरीज केस बिगडऩे के बाद अस्पताल पहुंचते हैं। पहले गलत उपचार के कारण उनकी हालत काफी बिगड़ चुकी होती है। मर्ज को पहचाने बिना दवा दे दिए जाने के कारण नुकसान की आशंका रहती है।
डॉ. पंकज बुधौलिया, चिकित्सक