हॉल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंजता रहा
मुस्कान का सुबह से ही मैच था। इधर, उसका मैच देखने के लिए साथी खिलाड़ी रानीताल स्टेडियम में जुट गए थे और अपने-अपने मोबाइल फोन पर लाइव खेल देखते रहे। तीरंदाज मुस्कान के लक्ष्य भेदते ही हॉल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंजता रहा। यहां पर मुस्कान के पिता वीरेन्द्र, मां माला, बहन सलौनी और भाई वासु भी मौजूद थे।
दस घंटे अभ्यास
मुस्कान के पिता वीरेन्द्र किरार ने बताया, बेटी रोजाना आठ से दस घंटे अभ्यास करती रही। दो माह से वह हरियाणा के सोनीपथ में एशियन गेम्स के लिए अभ्यास कर रही थी। जब भी मुस्कान की पिता वीरेन्द्र से बात होती, तो मुस्कान देश के लिए मेडल लाने की बात कहती रही। मुस्कान की छोटी बहन सलौनी भी तीरंदाजी सीख रही है। मुस्कान ने कहा, वह भी बड़ी बहन की तरह देश का नाम रोशन करना चाहती है।