अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति पर विरोध मप्र हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने गुरुवार को बताया कि अतिथि शिक्षकों को अब प्रति पीरियड के हिसाब से मानदेय का भुगतान किया जाएगा। हालांकि सरकार ने याचिकाकर्ताओं की एक मांग का पुरजोर विरोध भी किया। सरकार ने इस मांग का विरोध किया कि नए अतथि शिक्षक नियुक्त करने के बजाय नियमित नियुक्ति तक उन्हें ही यथावत काम करने दिया जाए। चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने दोनों पक्षों को सुनकर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया।
यह है मामला
प्रदेश भर के 916 अतिथि शिक्षकों ने तीनों खंडपीठों के समक्ष दायर याचिकाओं में कहा कि वे कई साल से सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। जुलाई 2018 में सरकार ने अतिथि शिक्षकों की नई भर्ती करने के लिए आवेदन आमंत्रित किए। इसी आदेश को याचिकाओं में चुनौती दी गई। अंतरिम राहत मांगी गई कि उक्त पदों पर नियमित नियुक्ति न होने तक याचिकाकर्ताओं को पूर्ववत कार्य करते रहने दिया जाए।
अतिथि शिक्षकों को लेक्चर के हिसाब से मिलेगा मानदेय मुख्यपीठ से लगभग तीन सौ याचिकाकर्ताओं को यह अंतरिम राहत मिल भी चुकी है। गुरुवार को महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव ने कोर्ट को बताया कि अतिथि शिक्षकों के वेतनमान का पुनरीक्षण किया जा रहा है। इन्हें अब पीरियड के अनुसार भुगतान किया जाएगा। अधिवक्ता बृंदावन तिवारी, शशांक शेखर, सत्येंद्र ज्योतिषी, राजेश दुबे ने कहा कि यह राशि भी पारिश्रमिक से कम होगी।