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election 2018: नेता भूले वादा, जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज को विवि बनाने का दावा अधूरा

locationजबलपुरPublished: Sep 16, 2018 09:40:28 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

विश्वविद्यालय बनाने के तमाम दावे बेमानी साबित हो गई

Mp assembly election news

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जबलपुर। जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज को विश्वविद्यालय बनाने के तमाम दावे और घोषणाएं बेमानी साबित हो गई हैं। जबलपुर में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, कृषि विश्व विद्यालय, मेडिकल विश्वविद्यालय, वेटरनरी विश्वविद्यालय के अलावा लॉ यूनिवर्सिटी भी है। प्रदेश के सबसे पुराने शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज को विश्वविद्यालय बनाने का निर्णय लिया गया था। मंत्री से लेकर नेताओं ने भी विवि खुलने की बात कही लेकिन वादों की एक ईंट इधर से उधर नहीं हो सकी।


दो साल पहले सीएम ने की घोषणा

दो वर्ष पूर्व नवंबर 2016 को शोभापुर ओवर ब्रिज के शिलान्यास के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जेइसी को इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय का दर्जा दिए जाने की घोषणा की थी। कॉलेज स्तर पर 300 करोड़ का प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया। कुल 3 हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण में 300 करोड़ की राशि मिलनी थी। विश्वविद्यालय बनाए जाने के लिए कॉलेज के पास आवश्यक भूमि करीब 260 एकड़ उपलब्ध होने की जानकारी दी गई। प्रस्ताव को पास करके शसन के पास भेजा गया। लेकिन इसे अभी तक हरीझंडी प्रदान नहीं की गई।
यह किया था प्रावधान- विश्वविद्यालय के लिए नई बिल्डंग का निर्माण करना, छात्र तथा छात्राओं के लिए अलग-अलग हॉस्टल का निर्माण, क्लासरूम की व्यवस्था, नई आधुनिक प्रयोगशाला, दो खेल मैदान का प्रावधान किया गया है। 34 कर्मचारियों की नियुक्ति होनी थी। जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज सेंट्रल इंडिया का सबसे पुराना तकनीकी कॉलेज है। कॉलेज को 7 जुलाई सन् 1947 को स्थापित किया गया था।

जेइसी की स्थिति
1947 में स्थापित
260 एकड़ भूमि
08 विषयों में इंजीनियरिंग
09 विषयों में मास्टर
03 विषयों में एप्लाइड एमएससी
01 एमसीए

यह है स्थिति
3000 छात्र जेईसी में
13000 छात्र अन्य कॉलेजों में
26 इंजीनियरिंग कॉलेज

इनका कहना है
जेइसी को विश्वविद्यालय बनाए जाने को लेकर पहले ही आवश्यक कार्रवाई करके भेजी जा चुकी है। इस दिशा में भी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है।
प्रो. एसएस ठाकुर, प्राचार्य जेइसी


जेइसी से अच्छा विवि के लिए कोई भी उपयुक्त स्थान नहीं है। छात्र-युवाओं ने लगातार आंदोलन किया गया। इस संबंध में दोबारा जनप्रतिनिधियों को जगाने की आवश्यकता पड़ी तो पीछे नहीं हटेंगे।
पंकज भोज, राष्ट्रीय अध्यक्ष, टेक्नीकल स्टूडेंट फेडरेशन


जेइसी को विवि बनाने के लिए सरकार को निर्णय लेना चाहिए। जेइसी के पास उम्दा स्ट्रक्चर और बेहतर स्ट्रेंथ है।
प्रो.प्रशांत जैन, हेड, आइटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स

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