स्वाभिमान की कहानी
हमदम नाटक का प्रमुख पात्र केशव भारद्वाज स्वाभिमानी और कर्मठ व्यक्ति है। एक बार रास्ते में चल रही लड़ाई में बीच बचाव करते समय कुछ उपद्रवी तत्व उस पर हमला कर देते हैं। अस्पताल में टांके लगाते समय उन्हें पक्षाघात जैसी बीमारी हो जाती है। वे चलने फिरने में लाचार हो जाते हैं। वो अकेले हैं उनके बच्चे बाहर रहते हैं। उनकी देखभाल के लिए नर्स सलीमा हैदर को रखते हैं। वे नर्स से बहुत चिढ़ते हैं और उससे दुव्र्यवहार करते हैं। उनकी लडक़ी उन्हें अमेरिका ले जाना चाहती है और वे जाना नहीं चाहते। इन सब तकरारों और बहस के बीच बहुत कुछ अच्छा घटता है और नए संबंध बनते हैं। इस मौके पर विवेचना के हिमांशु राय, बांकेबिहारी ब्योहार सहित अन्य उपस्थित थे।
नाटक से यह शिक्षा मिलती है कि व्यक्ति को जो पसंद न हो वह भी उसके पास रहे और कई बार तकरार और बहस होती रहे तो धीरे-धीरे एक नए रिश्ते का प्रादुर्भाव होता है और आपसी तकरार कब दूर हो गई पता ही नहीं चलता है। इसलिए हमें किसी से घृणा नहीं करनी चाहिए, बल्कि सभी से प्यार करना चाहिए।