शिकायत में वकीलों ने आरोप लगाया है कि एसडीएम तिवारी ने 14 अगस्त को अधिवक्ता हरिनारायण पटैल के खारिज प्रकरण को पुन: नम्बर पर लेने से इनकार कर दिया और अभद्रता करते हुए भगा दिया। आरोप है कि पूर्व में भी एसडीएम ने अधिवक्ता केशव प्रताप सिंह से बदसलूकी की थी, जिसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की गई थी।
शिकायत में बताया गया कि तहसील अधिवक्ता संघ के सदस्य जब इस सम्बंध में एसडीएम तिवारी से चर्चा करने गए तो वे आवेश में आ गए और अधिवक्ताओं को जेल भेजने की धमकी देने लगे। एसडीएम कार्यालय के स्टाफ के कर्मचारियों ने भी वकीलों से धक्का-मुक्की की। पुलिस में की गई शिकायत में अधिवक्ताओं ने तहसील कार्यालय में व्याप्त दलाली, अवैध वसूली के साथ ही एसडीएम सहित स्टाफ पर जांच कर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
एसडीएम कोर्ट के बहिष्कार का लिया निर्णय
अधिवक्ता संघ ने बैठक कर प्रस्ताव भी पारित किया, जिसमें एसडीएम तिवारी के व्यवहार की निंदा की, साथ ही एसडीएम कोर्ट के बहिष्कार का निर्णय लिया। संघ ने कलेक्टर से मांग की है कि तहसील कार्यालय में वर्षों से जमे कर्मचारियों का शीघ्र स्थानांतरण किया जाए।
अधिवक्ताओं ने एसडीएम पाटन के खिलाफ अभद्रता करने की शिकायत की है, वहीं एसडीएम ने भी वकीलों के खिलाफ शिकायत की है। दोनों मामलों में जांच के उपरांत ही कार्रवाई की जाएगी।
शिवराज सिंह, थाना प्रभारी, पाटन