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#Janagenda: युवाओं ने कहा… सपने मत दिखाओ, धरातल पर दिखाओ करामात

locationजबलपुरPublished: Oct 27, 2018 05:41:31 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

विधानसभा चुनावों पर युवाओं ने बेबाकी से रखी राय

public opinion on MP election

विधानसभा चुनावों पर युवाओं ने बेबाकी से रखी राय

जबलपुर। विधानसभा चुनाव को लेकर जहां एक तरफ विभिन्न पार्टियों में प्रत्याशियों के चयन का गणित बिठाया जा रहा है। वहीं आम जनमानस खासकर युवा वर्ग भी इस चुनाव को लेकर बारिकी से नजर गड़ाए हुए है। युवाओं में जिले के पिछड़ेपन को लेकर टीस है। दागदार जनप्रतिनिधियों को लेकर गुस्सा है। जन एजेंडा कार्यक्रम के तहत पत्रिका टीम शुक्रवार को केंद्रीय ग्रंथालय पहुंचा। वहां विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों में अध्ययनरत युवक-युवतियों के मन में चल रही चुनावी हलचल को टटोलने की कोशिश की, तो कई अहम बातें सामने आईं।

जिले में कुल मतदाता – 17.63 लाख
पुरुष – 9.13 लाख
महिला-8.49 लाख

18 से 19 वर्ष के मतदाता – 42761
पुरुष – 23477
महिला – 19317

20 से 29 वर्ष के मतदाता – 4.45 लाख
पुरुष – 2.39 लाख
महिला – 2.06 लाख

विजन की कमी
प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे शैलेश बर्मन ने कहा कि आज के दौर के नेताओं में विजन ही नहीं है। दूसरे शहर कहां से कहां पहुंच गए और हम आज भी नाला-सीवर व स्मार्ट सपनों में उलझे हुए हैं। जबलपुर महाकौशल की एक तरह से देखे तो राजधानी कही जाती है। कहने को तो छह-छह विश्वविद्यालय हैं, लेकिन किसी में स्तरीय पढ़ाई नहीं होती। उनकी ही तरह अरविंद दीक्षित का भी दर्द छलका। बोले कि कोई भी राजनीतिक पार्टी साथ-सुथरी छवि के लोगों को टिकट नहीं देती।

दबंगता बनी पैमाना
टिकट के लिए बाहुबली होना और दबंगता पहला पैमाना बन चुका है। जब ऐसे लोग राजनीति में होंगे तो हम युवाओं के सपनों को कैसे पंख लगेगा। सिविल परीक्षा की तैयारी कर रही माया चौहान ने कहा कि इतने बड़े शहर में ढंग का एक भी ग्रंथालय नहीं है, जहां युवा अच्छे माहौल में बैठकर स्तरीय पुस्तकों का अध्ययन कर सकें। सत्यम दुबे ने कहा कि सरकारी स्कूलों का आलम भगवान भरोसे चल रहा है। कई विद्यालयों में एकल शिक्षक के भरोसे कक्षाएं संचालित हो रही हैं। प्राथमिक शिक्षा चौपट हो चुकी है। वहीं सालिनी दुबे ने सबसे जुदा राय रखी। बोलीं कि राजनीति में प्रवेश करने के लिए भी एक न्यूनतम योग्यता तो तय ही होनी चाहिए। आखिर हम अगले पांच सालों के लिए उनके हाथों में अपना भविष्य सौंपते हैं।

पाटन में सर्वाधिक युवा मतदाता
जिले में लगभग साढ़े 17 लाख मतदाताओं में 18 से 29 वर्ष की आबादी का हिस्सा 28 प्रतिशत के लगभग है। युवाओं के मुद्दे को नजरअंदाज करना राजनीतिक पार्टियों को भारी पड़ सकता है। जिले की बात करें तो सबसे अधिक युवा मतदाता पाटन विधानसभा में 28.66 प्रतिशत हैं। जबकि सबसे कम युवा मतदाता 21 प्रतिशत उत्तर-मध्य में हैं। अन्य विधानसभाओं में 22 से 27 प्रतिशत के बीच युवा मतदाताओं की भागीदारी है।

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