छह महीने पहले ही वे जम्मू-कश्मीर में तैनात हुए थे
राजस्थान में ट्रेनिंग पूरी होने के बाद छह महीने पहले ही वे जम्मू-कश्मीर में तैनात हुए थे। वह पढ़ाई के दौरान ही एनीसीसी की ट्रेनिंग ले चुके थे। घर में इकलौते अश्वनी को ही सरकारी नौकरी मिली थी। बेहद साधारण परिवार के अन्य सभी सदस्य मजदूरी पर निर्भर हैं। मां बीड़ी मजदूर हैं।
बदला ले सरकार
गांव के सरपंच पति इंद्रकुमार पटेल, परमानंद प्रजापति सहित अश्वनी के भाइयों ने इस कायराना हमले पर गुस्सा प्रकट करते हुए कहा कि सरकार को बदला लेना चाहिए। आतंक का खेल करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देना होगा।
गांव पहुंचे एसडीएम
शहादत की खबर मिलते ही एसडीएम आशीष पांडे रात 12 बजे खुड़ावल गांव पहुंचे। शोक संतप्त परिवार से मिले और आगे की कार्रवाई के लिए अश्वनी से सम्बंधित कुछ दस्तावेज ले गए।