धमक में तोड़ रहे अनुशासन, बन रहे वर्दीवाला गुंडा

जबलपुर जिले की पुलिस पर कहीं तस्करी तो कुछ पर मारपीट का लगा आरोप
केस-एक
कटनी की बहोरीबंद पुलिस ने कार से शराब की तस्करी करते हुए कोतवाली और लाइन में पदस्थ आरक्षक मनोज असईया व रामनरेश तिवारी को पकड़ा था। दोनों निलम्बित हो चुके हैं।
केस-दो
क्राइम ब्रांच में पदस्थ एएसआई जगन्नाथ यादव पर शातिर बदमाश अनिराज नायडू के साथ मारपीट करने का उसकी मां व बहन ने आरोप लगाते हुए एसपी व आईजी से शिकायत की थी।
केस-तीन
आईजी जोनल सायबर सेल में पदस्थ पांच पुलिस कर्मी एएसआई कपूर सिंह, विशाल सिंह, आरक्षक अमित पटेल, राजेश पांडे, नितिन कुशवाह की अभिरक्षा में बड़ी खेरमाई निवासी शुभम बागरी को संदिग्ध हालत में गोली लगी और उसकी मौत हो गई।
जबलपुर। पुलिस विभाग में अनुशासन का बड़ा महत्व है। अनुशासन तोडऩे पर निलम्बन सहित बर्खास्तगी तक की सजा मिलती है। जबलपुर जिले में वर्दी की धमक में कई पुलिस कर्मी लगातार अनुशासन तोड़ रहे हैं। कई पुलिस कर्मियों पर जब-तब अपराधियों को संरक्षण देने का भी आरोप लगता रहा है। पर इंतहा तब हो गई, जब जिले में पदस्थ दो आरक्षक अपराधियों की तरह खुद ही शराब की तस्करी में गिरफ्तार हो गए। अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को निलम्बित कर दिया, लेकिन पुलिस की छवि को दाग लगने से नहीं बचा पाए।
वर्दी में कई बार पुलिस कर्मी हद पार कर जाते हैं। पिछले दिनों गढ़ा में पदस्थ एक आरक्षक पर सैनिक सोसायटी निवासी विनय राजपूत के साथ मारपीट कर दी। विनय की गुस्ताखी महज इतनी थी कि उसने आरक्षक को मास्क पहनने की सलाह दी थी। 23 सितम्बर को ही तिलवारा पेट्रोल पम्प के सामने गंधेरी निवासी सुनील यादव को एक पेट्रोल कर्मी के बेटे और ट्रैफिक में पदस्थ पुलिस कर्मियों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। मामले में विभागीय जांच कराई जा रही है। 20 अप्रैल को गोराबाजार निवासी बंशी कुशवाहा की पुलिस की कथित पिटाई के चलते मौत हो गई। पांच पुलिस कर्मियों पर आरोप था कि उन्होंने बंशी कुशवाहा की बेरहमी से पिटाई कर दी थी। जिसके चलते उसकी तबियत खराब हुई और मौत हो गई। पांचों पुलिस कर्मियों को निलम्बित किया गया था। इससे पूर्व जनवरी में रांझी में पदस्थ टीआई पर इनामी बदमाश से फरारी में सोशल माध्यम से कनेक्ट रहने का आरोप लगा था। मामले में निलम्बन की कार्रवाई हुई थी। 19 अप्रैल को मेडिकल के कोविड वार्ड से एनएसए का आरोपी जावेद खान फरार हो गया। मामले में तीन पुलिस कर्मियों को निलम्बित कर दिया गया था। आरोप था कि वे ड्यूटी के समय मोबाइल पर व्यस्त थे। आईजी भगवत सिंह चौहान ने बताया कि विभाग में अनुशासन तोडऩे वालों के लिए कोई जगह नहीं है। कई स्तर पर कर्मियों की मॉनीटरिंग होती है। अनुशासन तोडऩे या अवांछनीय गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर निलम्बन के साथ बर्खास्तगी तक की सजा दी जाती है। तस्करी में लिप्त पुलिस कर्मियों को भी बर्खास्त किया जाएगा।