scriptऐसा तो होना न था…फरवरी में ही खाली हुए नर्मदा तट | It was not like that ... Narmada beach was empty in February | Patrika News

ऐसा तो होना न था…फरवरी में ही खाली हुए नर्मदा तट

locationजबलपुरPublished: Feb 16, 2019 01:42:21 am

Submitted by:

shyam bihari

लगातार दूसरे साल बन रहे चिंताजनक हालात

Devaraghat Mangargarh is a suitable place for cow-sanctuary

narmada

बरगी डैम
-417.20 मीटर मौजूदा जल स्तर
-422.76 मीटर जल भराव की अधिकतम क्षमता
-104 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है नदी में टरबाइन के जरिए
-16 घंटे संचालित हो रही है टरबाइन
-40 क्यूमेक नदी में पानी की आवक
-17 क्यूमेक पानी की निकासी बांयी तट नहर से
-11 क्यूमेक पानी की निकासी दांयी तट नहर से
जबलपुर। नर्मदा तटों का नजारा अभी से गर्मी के दिनों जैसा नजर आने लगा है। सभी प्रमुख तटों में जल स्तर तेजी से घट रहा है। तेज बहाव वाले लम्हेटाघाट में जल स्तर घटने के कारण चट्टानें उभर आई हैं। पिछले दो साल से लगातार ऐसी स्थिति बन रही है। हालात मई-जून के महीने जैसे हो रहे हैं। अभी बरगी डैम में पर्याप्त पानी है। सिंचाई, पेयजल व्यवस्था व बिजली बनाने के लिए जल स्तर सुरक्षित सीमा तक रखने के लिए डैम से आवश्यकता के अनुसार निर्धारित मात्रा में ही पानी छोड़ा जा रहा है।
रबी सीजन व चौथी फसल के लिए जल प्रबंधन
जिले में रबी के सीजन का बड़ा रकबा है। गेहूं, चना, मूंग, उड़द, सब्जियों की वृहद स्तर पर खेती है। गर्मी के दिनों में सिंचाई के लिए पानी की ज्यादा जरूरत होती है। रबी सीजन के बाद चौथी फसल के तौर पर सूरजमुखी, मक्का, सब्जियों व दलहन फसलों की बुवाई की जाती है। जिसकी सिंचाई के लिए भी पानी नहरों के माध्यम से ही उपलब्ध कराया जाता है। ऐसे में बरगी डैम जल प्रबंधन करता है।
बिजली निर्माण के लिए 16 घंटे टरबाइन चलाई जा रही है। डैम से दोनों नहरों में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी छोड़ा जा रहा है। नदी में अब पानी की आवक बहुत कम हो गई है, लेकिन डैम में सभी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पर्याप्त पानी है। पिछले साल की तरह ही जल प्रबंधन का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
अजय सूरे, कार्यपालन यंत्री, बरगी डैम
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