जबलपुर-गोंदिया ब्रॉडगेज परियोजना का काम फिर पिछड़ा, अगले महीने भी नहीं दौड़ेगी नैनपुर तक ब्रॉडगेज ट्रेन
जबलपुर•Aug 29, 2017 / 07:31 pm•
Premshankar Tiwari
indian railway- many problems in running the train on this railway track
जबलपुर. उत्तर भारत को दक्षिण भारत से जोडऩे वाले रेलवे के सबसे कम दूरी के ट्रैक को पूरा करना रेल अधिकारियों के लिए चुनौती बन गया है। मामला जबलपुर-गोंदिया ब्रॉडगेज परियोजना का है। इसके घंसौर-नैनपुर सेक्शन में यात्री टे्रन दौड़ाने की तैयारियों को झटका लगा है। रेलवे ठेकेदारों की हड़ताल के चलते इस ट्रैक पर नैरोगेज को ब्रॉडगेज में तब्दील करने का काम करीब दस दिन से ठप है। लगातार काम बंद होने से जबलपुर-घंसौर के बाद घंसौर से नैनपुर तक के लिए अगले महीने भी पैसेंजर ट्रेन संचालित होने की संभावना कम है।
15 सितंबर से ट्रेन संचालन की थी तैयारी
बिलासपुर जोन मुख्यालय और परियोजना का काम करा रहे अफसर इस सेक्शन में 15 सितंबर तक रेल यातायात शुरू करने की कवायद में जुटे थे। इसके लिए सीआरएस निरीक्षण की तैयारी शुरू हो गई थीं, लेकिन रेलवे ठेकेदारों की हड़ताल के चलते दस दिन से काम ठप पड़ा है। अब हड़ताल खत्म होने और शेष कार्य पूरे होने के बाद ही सीआरएस निरीक्षण हो पाएगा। इससे सितंबर में यहां टे्रन चल पाना मुश्किल हो गया है।
10 दिन का कार्य शेष
35 किमी लंबे घंसौर-नैनपुर सेक्शन में रेलवे टै्रक बिछाने का काम कम्पलीट हो गया है। सिगनलिंग प्रणाली स्थापित हो गई है, जिसका थोड़ा काम ही शेष है। पैनल इंटरलॉकिंग आदि तकनीकी काम हो गए हैं। सभी ब्रिज तैयार हैं। डिप्टी सीई कंस्ट्रक्शन व डीआरएम स्तर का निरीक्षण भी हो चुका है। सूत्र बताते हैं कि करीब दस दिन का कार्य शेष है। सिगनलिंग का अतिरिक्त कार्य, स्टेशनों की वाटर सप्लाई, रंगरोगन सहित अन्य यात्री सुविधाओं के काम हड़ताल के बाद ही हो पाएंगे।
दोनों जोन के ठेकेदार हड़ताल पर
जबलपुर-गोंदिया ब्रॉडगेज परियोजना एक छोर पर पश्चिम मध्य रेल और दूसरे तरफ दक्षिण पूर्व मध्य रेल जोन को जोड़ती है। मालूम हो कि रेलवे ठेकेदार जबलपुर के साथ बिलासपुर जोन में भी हड़ताल पर हैं। ठेकेदार टूल डाउन कर प्रदर्शन कर रहे हैं।
सीआरएस एप्रवल के बाद दौड़ेगी ट्रेन
दक्षिण पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी चंद्रपकाश त्रिपाठी के अनुसार काम कम्पलीट होने के बाद ही घंसौर-नैनपुर सेक्शन का सीआरएस निरीक्षण कराया जाएगा। सीआरएस एप्रूवल के बाद यात्री टे्रनों का संचालन प्रारंभ हो सकेगा।