पहले अनुवांशिक कारण था-
चिकित्सकों के अनुसार बीपी और डायबिटीज की बीमारी को पहले अनुवांशिक कारणों से होना माना जाता था। जबकि, अब यह आधार नहीं रह गया है। बढ़ती भागदौड़, कामकाज का दबाव, दूषित खानपान, तनाव और नींद में कमी सहित अन्य कारणों से ये बीमारी बढ़ रही हैं।
मोटापा फैला रहा बीमारी-
शुगर और बीपी की समस्या मोटे लोगों को आसानी से घेरती है। चिकित्सकों के अनुसार बच्चों, युवाओं व महिलाओं में फास्ट फूड, जंक फूड, सॉफ्ट ड्रिंक्स जैसी खाद्य सामग्रियों का सेवन बढ़ा है। मोबाइल और इंटरनेट के उपयोग के बीच कसरत और नींद कम हो गई है। इससे लोग मोटापे का शिकार हो रहे हंै।
फैक्ट फाइल…
– 03 सौ से ज्यादा नए मरीज हर दिन जांच में नए मिल रहे।
– 05 से लेकर 10 प्रतिशत नए मरीज प्रत्येक वर्ष बढ़ रहे।
– 04 गुना मोटे लोग शहर में दस वर्ष में बढऩे का अनुमान।
(नोट: अस्पतालों और चिकित्सकों से प्राप्त जानकारी के अनुसार)
डायबिटीज के लक्षण-
बार-बार पेशाब लगना, वजन कम होना, हाथ पैर में झुनझुनी, मुहं सूखना व बार-बार प्यास लगना, अचानक चक्कर आना, आंखों के सामने अंधेरा छाना, बच्चों में उल्टी, पेट में दर्द, सांस फूलना।
बीपी की वजह-
ऑइली फूड खाना, कॉलेस्ट्रॉल बढऩा, तनाव में रहना, काम का अधिक दबाव, किसी बात को लगातार सोचना, अकारण परेशान होना।
चिकित्सकों की सलाह
– संतुलित दिनचर्या और आहार करें।
– नियमित व्यायाम करें, पैदल चलें।
– मरीज नियमित दवा का सेवन करें।
– तनाव मुक्त जीवन बिताएं।
– परेशानी महसूस होने पर अनदेखी न करें।
– पीडि़त नियमित जांच कराएं।
विशेषज्ञ बोले
डायबिटीज पहले 40 वर्ष की आयु के बाद होती थी। यह अनुवांशिक मानी जाती थी, लेकिन अब मोटापे के कारण 15-16 वर्ष के बच्चों में भी लक्षण मिल रहे हंै। अनुमान है कि शहर में हर वर्ष 5-10 प्रतिशत तक डायबिटीज के मरीज बढ़ रहे हैं।
– डॉ. आशीष डेंगरा, डायबिटीज एवं मोटापा रोग विशेषज्ञ
बॉडी क्लॉक में बदलाव के साथ तनाव वाली जिंदगी लोगों को ब्लड प्रेशर का मरीज बना रही है। पहले यह बीमारी रिटायरमेंट की उम्र में होती थी। अब ओपीडी में इनसे आधी उम्र के मरीज आ रहे हंै। लोगों को पूरी नींद लेना और कसरत करना जरूरी है।
– डॉ. पंकज बुधौलिया (मेडिसिन), विक्टोरिया अस्पताल