हम बात कर रहे हैं नर्मदा मिशन के संस्थापक समर्थ भैयाजी सरकार की। जो पिछले दस सालों से अनूठी गुरु शिष्य परंपरा से लोगों को प्रथम गुरु प्रकृति से लोगों को जोडऩे का काम कर रहे हैं। गुरु पूर्णिमा पर इस बार करीब 5 से 7 हजार पौधे वे अपने शिष्यों को प्रसाद के रूप में बांटेंगे।
समर्थ भैयाजी सरकार ने बताया गुरु पूर्णिमा के अवसर पर काल बजरंग दरबार समर्थ शिमला हिल पहाड़ी पर दो दिवसीय गुरु पर्व का आयोजन किया जाता है। इसमें एक दिन पहले सोमवार से अखंड संकीर्तन शुरू हो रहा है। इसमें पांच देवमूर्ति वृक्षों और नर्मदा कलश का भक्तों द्वारा लगातार 24 घंटे तक परिक्रमा के साथ रामधुन गाई जाती है। यह क्रम गुरु पूर्णिमा की मध्यरात्रि तक चलता है।
प्रथम गुरु है प्रकृति
भैयाजी सरकार ने बताया कि दुनिया की सबसे पहली गुरु प्रकृति है। इसके मार्गदर्शन में ही ज्ञान छिपा है। गुरु रूपी वृक्ष सबसे श्रेष्ठ प्रसाद है शिष्यों के लिए। प्रतिदिन खाद पानी देकर पौधों को बड़ा करना गुरु के आशीष को प्राप्त करने का सबसे अच्छा माध्यम है। इस बार भी हजारों पौधों का वितरण किया जाएगा। यह परंपरा 10 सालों से जारी है।