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नगर निगम कलेक्टे्रट, एसपी कार्यालय और रादुविवि का मामला
नाम की जनसुनवाई, शिकायतों के निपटारे के नाम पर खानापूर्ति
कई विभागों में संख्या घटी
एसपी की जनसुनवाई
एसपी कार्यालय में जहां चुनाव से पहले औसतन 70 से 80 शिकायतें पहुंच रही थी। वहीं अब ये औसत घटकर 40 रह गयी है। एक जनवरी से अब तक कुल 160 जनसुनवाई में शिकायतें पहुंची हैं। इन शिकायतों में भी ज्यादातर घरेलू हिंसा, पति-पत्नी, बुजुर्ग माता-पिता, ठगी और पड़ोसी से मारपीट से सम्बंधित होती हैं।
घमापुर निवासी महिला अर्चना दो बेटे व बेटी को लेकर मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंची। बताया कि पति अनमोल वंशकार पुलिस रेकॉर्ड में तड़ीपार है। फिर भी वह घर आकर मारता-पीटता है। एसपी ने घमापुर पुलिस को मौके से ही फोन कर शाम पांच बजे तक गिरफ्तारी का निर्देश दिया। पुलिस सक्रिय हुई और 15 मिनट में पुलिस अनमोल को गिरफ्तार कर लिया। जबकि गोसलपुर निवासी शिवलाल चक्रवर्ती, सुनील व रम्मू ने शिकायत कर बताया कि धीरज नाम के व्यक्ति ने एक फाइनेंस कम्पनी में निवेश के नाम पर 50 हजार से लेकर तीन लाख तक की ठगी कर चुका है। थाने में शिकायत करने पर भी कार्रवाई नहीं हुई।
चुनाव के बाद जनसुनवाई की शिकायतों में कमी तो आयी है, लेकिन इसकी वजह ये भी है कि अब थाने स्तर पर ही अधिकतर मामलों का निराकरण हो जा रहा है। कई शिकायतों में त्वरित कार्रवाई भी करायी जाती है।
– दीपक शुक्ला, एएसपी
निगम में जनसुनवाई का विकेंद्रीकरण
नगर निगम से संबंधित सभी शिकायतें पहले निगम मुख्यालय आती थीं। शिकायतों की संख्या 60-70 होती थी। इसके बाद जनसुनवाई को आवेदकों के लिए आसान बनाने के लिए सेवा का विकेन्द्रीकरण कर दिया गया। विधानसभा चुनाव से पहले लागू की गई इस व्यवस्था के तहत अब निगम के सभी संभागीय कार्यालयों में जनसुनवाई की जाती है। इसके कारण निगम मुख्यालय में अब महज 15-20 शिकायत आती हैं। हर सप्ताह कमोबेश शिकायतों की इतनी ही संख्या रहती हैं।
विवि में नाम मात्र की शिकायतें
रानी दुर्गावती विवि में भी जनसुनवाई महज औपचारिकता बनकर रह गयी। आठ से दस आने वाली औसत शिकायतें अब तीन से चार तक रह गईं हैं। मंगलवार को बीएससी एवं बीकॉम सेमेस्टर परीक्षा के आवेदन न कर पाने के चलते लिंक खोलने की मांग को लेकर कुछ छात्र जनसुनवाई में पहुंचे थे।
जनसुनवाई लगातार जारी है। कुलपति की उपस्थिति में सभी विभाग के अधिकारी बैठते हैं। चुनाव के बाद छात्रों की संख्या में कमी आई है।
– डॉ. दीपेश मिश्रा, उपकुलसचिव परीक्षा