कुएं में लगाई छलांग
अभियोजन के अनुसार शहडोल के जयसिंह नगर थाना अंतर्गत निवासी एससीएसटी समुदाय के एक व्यक्ति के घर 27 जुलाई 2013 को क्षेत्र के ही दीपनारायण तिवारी, राकेश गुप्ता उर्फ डब्लू, रामनारायण पांडे, सुरेश चतुर्वेदी, राजेश द्विवेदी व राजेन्द्र पाठक पहुंचे। उन्होंने उससे पूछा कि उसकी नाबालिग बेटी ने क्षेत्र में रहने वाले युवक रोहित मौर्य के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे क्या? उस व्यक्ति ने अनभिज्ञता जाहिर की। आरोपियों ने उसकी बेटी को बुलाकर उससे यही बात पूछी। उसने भी इससे इंकार किया। आरोपियों ने नाबालिग के स्कूल में जाकर पूछताछ की। इसके बाद आरोपी रोहित मौर्य के घर पहुंचे और उसके पिता को धमका कर पचास हजार रुपए मांगे। इस झूठे लांछन से तंग आकर व लोकलाज के कारण 27 जुलाई 2013 को कशोरी ने कुएं में कूदकर जान दे दी।
गलती से एक आरोपी हुआ दोषमुक्त
01 जून 2018 को विशेष न्यायाधीश शहडोल ने आरोपियों के खिलाफ एससीएसटी एट्रोसिटी एक्ट व आईपीसी की धारा 385 के तहत आरोप तय कर दिए। इसके खिलाफ यह अपील की गई। तर्क दिया गया कि मामले में एक आरोपी को हाईकोर्ट द्वारा दोषमुक्त किया जा चुका है। राज्य सरकार ने इसका विरोध किया। सुनवाई के बाद बेंच ने कहा कि प्रकरण में आरोपियों के खिलाफ एट्रोसिटी व वसूली के पूरे तथ्य मौजूद है। आरोपियों की अपील खारिज करते हुए निर्देश दिए गए कि दोषमुक्त हुए आरोपी दीपनारायण तिवारी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।