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Tax scam : सागर ऑटोटेक के संचालकों ने परिवहन कर में शासन को लगाई डेढ़ करोड़ की चपत

locationजबलपुरPublished: Jul 20, 2019 10:39:17 pm

Submitted by:

tarunendra chauhan

बिक्री लेजर, जीएसटी रिटर्न फाइल, परिवहन पंजीयन व टैक्स जमा करने में अंतर, परिवहन विभाग के भी कुछ अधिकारी-कर्मचारी संदेह के घेरे में आए
 

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Adarsh Credit Cooperative Society Scam : राजस्थान के बाद अब गुजरात और एमपी में भी हुए मामले उजागर

जबलपुर . ग्राहकों से कार की पूरी कीमत वसूल कर आरटीओ में कार की कीमत कम दर्शाकर शासन को सागर ऑटोटेक प्रा. लि. के संचालकों ने डेढ़ करोड़ रुपए की चपत लगा दी। इस बात का खुलासा राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा दी गई दबिश में जब्त दस्तावेजों की जांच में हुआ। शो-रूम के बिक्री लेजर, जीएसटी रिटर्न फाइल और परिवहन विभाग में जमा किए गए टैक्स व पंजीयन आदि में भारी अंतर मिला है। जीएसटी विभाग भी टैक्स चोरी के मामले की जांच कर रही है।

कार-शो-रूम के संचालक द्वारा किए गए फर्जीवाड़े की जांच से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक परिवहन विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों की मिलीभगत की बात भी सामने आयी है। शहडोल निवासी शुभम अरोरा ने 36.34 लाख की लग्जरी वाहन खरीदने और एजेंसी द्वारा परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन के दौरान पेश किए गए 27 लाख रुपए का बिक्री इनवॉइस को लेकर शिकायत की थी। मगर उसकी शिकायत पर परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। विभाग को परिवहन कर के तौर पर 84 हजार की चपत लगी थी। 2018 से अब तक एजेंसी संचालक ने 100 के लगभग वाहनों में इस तरह का फर्जीवाड़ा किया है। मामले की शिकायत शुभम के अलावा गोटेगांव के राहुल राज जैन और गढ़ा निवासी रोहित तिवारी ने भी की थी।

प्रतीक जैन और मीनल जैन के संयुक्त पार्टनरशिप में संचालित सागर ऑटोटेक प्रा. लि. द्वारा वाहनों की बिक्री और परिवहन विभाग में कराए गए रजिस्ट्रेशन टैक्स में अलग-अलग कीमत दर्शा कर डेढ़ करोड़ की चपत पहुंचायी गयी है। कुछ वाहनों के टैक्स तक बकाया है।
– राज्यवर्धन सिंह माहेश्वरी, डीएसपी, इओडब्ल्यू

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