कार-शो-रूम के संचालक द्वारा किए गए फर्जीवाड़े की जांच से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक परिवहन विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों की मिलीभगत की बात भी सामने आयी है। शहडोल निवासी शुभम अरोरा ने 36.34 लाख की लग्जरी वाहन खरीदने और एजेंसी द्वारा परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन के दौरान पेश किए गए 27 लाख रुपए का बिक्री इनवॉइस को लेकर शिकायत की थी। मगर उसकी शिकायत पर परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। विभाग को परिवहन कर के तौर पर 84 हजार की चपत लगी थी। 2018 से अब तक एजेंसी संचालक ने 100 के लगभग वाहनों में इस तरह का फर्जीवाड़ा किया है। मामले की शिकायत शुभम के अलावा गोटेगांव के राहुल राज जैन और गढ़ा निवासी रोहित तिवारी ने भी की थी।
प्रतीक जैन और मीनल जैन के संयुक्त पार्टनरशिप में संचालित सागर ऑटोटेक प्रा. लि. द्वारा वाहनों की बिक्री और परिवहन विभाग में कराए गए रजिस्ट्रेशन टैक्स में अलग-अलग कीमत दर्शा कर डेढ़ करोड़ की चपत पहुंचायी गयी है। कुछ वाहनों के टैक्स तक बकाया है।
– राज्यवर्धन सिंह माहेश्वरी, डीएसपी, इओडब्ल्यू