सेफ्टी और सिक्योरिटी पर बात
मानकुंवर कॉलेज की स्वामी विवेकानंद कॅरियर गाइडेंस प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. सुलेखा मिश्रा ने बताया कि जीरो क्लासे हर स्टूडेंट के लिए बेहद खास होती है। इसमें जहां उन्हें कॉलेज के वातावरण से रूबरू होने का मौका मिलता है, वहीं टीचर और स्टूडेंट्स का इंट्रेक्शन भी खास होता है। इतना ही नहीं स्कूल परिवेश से कॉलेज परिवेश में आने के बाद किस तरह के बदलाव होते हैं इस बात से भी अवगत करवाया जाता है। प्रतिदिन गल्र्स को सेफ्टी और सिक्योरिटी की बातों को भी समझाया जाता है।
क्या है जीरो क्लास
जीरो क्लास स्टूडेंट्स के कॉलेज में प्रवेश लेते ही लगाई जाती है। 7 से 10 की क्लास में पढ़ाई पर न के बराबर होती है। इस दौरान स्टूडेंट्स एक दूसरे से इंटरेक्ट होते हैं। फैकल्टी द्वारा उन्हें संस्थान के बारे में बताया जाता है, इसके साथ ही डिफरेंट एक्टिविटी पर भी फोकस किया जाता है।
इन बातों पर दिया जाता है ध्यान
1. पर्सनैलिटी डवलपमेंट
स्टूडेंट्स में नॉलेज के साथ कॉन्फिडेंस को भी बढ़ाया जाता है। इसके लिए अलग-अलग एक्सपर्ट द्वारा इंग्लिश, कम्युनिकेशन स्किल, स्किल डवलपमेंट पर लैक्चर होते हैं।
2. सिक्योरिटी
जीरो क्लास में गल्र्स सिक्योरिटी के बारे में बताया जाएगा। गल्र्स को जानकारी दी जाती है कि वह किस तरह से एलर्ट रहें व अपनी सुरक्षा के लिए मोबाइल टेक्नोलॉजी का यूज करें।
3. कॅरियर
हर एक स्टूडेंट पढ़कर कॅरियर ऑपुच्युर्निटीज चाहते हैं। ऐसे में उन्हें यह बताया जाता है कि यूजी के बाद क्या कर सकते हैं। कहां-कहां उनके लिए रास्ते खुले हैं, जिससे उनका फ्यूचर ब्राइट हो सके।
4. सिटी हेरिटेज
संस्थान में बहुत से स्टूडेंट्स शहर के बाहर के भी आते हैं। ऐसे में उन्हें सबसे पहले सिटी, यहां की गतिविधियां और यहां के हेरिटेज से अवगत करवाया जाता है। जिससे वह शहर की ब्रांडिंग भी कर सकें।
5. डेवलपमेंट
स्टूडेंट्स को ओवरऑल डवलपमेंट के लिए अन्य एक्टिविटी में पार्टिसिपेंट्स करना भी जरूरी होता है। ऐसे में उन्हें एनसीसी, एनएसएस एंव स्पोट्र्स एक्टिविटी की जानकारी भी दी जाती है।
ग्रेजुएशन के पहले ही रोजगार
बीए की स्टूडेंट अनुश्री मिश्रा बताती हैं कि उन्होंने उत्सुकता में कॉलेज में सिखाए जाने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। इसकी ट्रेनिंग पूरी की और अब खुद की रोजगार स्थापित कर चुकी हैं। वे कई तरह के गिफ्ट आइटम्स तैयार करके अर्निंग कर रही हैं।
सीखी ज्वैलरी डिजाइनिंग
बीकॉम की स्टूडेंट हर्षा चौकसे बताती हैं कि ज्वैलरी मेकिंग में उनका पहले से इंटरेस्ट था, लेकिन कॉलेज में यह सीखने का जब मौका मिला जो पीछे नहीं हटी। इस कला में अब माहिर होने के बाद थ्रेड ज्वैलरी लोगों के ऑर्डर पर तैयार करती हैं।