news facts- दशहरे पर नीलकंठ देखना और पान खाने की मान्यता
नीलकंठ देखना शुभ
ऐसी मान्यता है कि दशहरे के दिन नीलकंठ के दर्शन हो जाने से पूरा वर्ष शुभ होता है, इसलिए लोगों की कोशिश होती है कि वह इस दिन नीलकंठ देखे। जबलपुर में यह मान्यता बेहद प्रचलित है। बताया जाता है कि भगवान राम ने रावण वध से पहले नीलकंठ के दर्शन किए थे। नीलकंठ को भगवान का प्रतिनिधि भी माना जाता है। नीलकंठ के दर्शन से सुख समृद्धि का आगमन होता है साथ ही धन धान्य से घर भर जाता है।
शमी की पत्ती बांटना
मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले शमी वृक्ष के सामने विजय के लिए प्रार्थना की थी। उन्होंने इन पत्तियों का स्पर्श किया और विजय प्राप्त की थी। इसीलिए मान्यता चल पड़ी कि शमी की पत्तियां विजयादशमी के दिन सुखए समृद्धि और विजय का आशीष देती है। कालांतर में इसे स्वर्ण के समान मान लिया गया और दशहरे की शुभकामना के साथ इसका आदानण्प्रदान होने लगा यह कह कर कि सोने जैसी यह पत्तियां आपके जीवन में भी सौभाग्य और समृद्धि लेकर आए।
पान खाना शुभ
पंडित जनार्दन शुक्ला ने बताया कि दशहरे के दिन पान खाना भी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पान खाने से वर्षभर प्रसन्नता बनी रहती है। इसका एक वैज्ञानिक कारण भी है। दरअसल 9 दिन लगातार उपवास करने के बाद अन्न ग्रहण करते हैं, जिससे पाचन प्रक्रिया प्रभावित होती है। ऐसे में शारीरिक प्रक्रिया को सामान्य बनाए रखने के लिए पान खाया जाता है।