पांच साल में ही अंतर्राष्ट्रीय पदक
मध्यप्रदेश तीरंदाजी अकादमी जुलाई 2013 में शहर में स्थापित की गई। अंतर्राष्ट्रीय मापदंडों के आधार पर यहां खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिया जाता है। अकादमी के खिलाड़ी राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में 78 से अधिक मेडल जीत चुके हैं। यहां के खिलाडिय़ों ने कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया। हाल ही में इस अकादमी में प्रशिक्षणरत मुस्कान ने एशियन गेम्स में तीरंदाजी में रजत पदक जीता।
सुविधाएं बढ़े तो बदलेंगे हालात
शहर के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में संस्कारधानी का नाम रोशन कर रहे हैं, लेकिन खिलाडिय़ों के सामने अब भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। शहर में एक भी ऐसा ग्राउंड नहीं है, तो खिलाडिय़ों के लिए पूरी तरह से समर्पित हो। हर एक ग्राउंड में कुछ न कुछ कमी है। खिलाडिय़ों को बढ़ावा देने के लिए इन्हें सुधारने की आवश्यकता है।
रानीताल खेल परिसर
क्रिकेट स्टेडियम पूरा नहीं हो सका। गैलरी नहीं है। हॉकी एस्ट्रोटफ अधूरा है। साइक्लिंग वेलोड्रम की मरम्मत नहीं होती। बैडमिंटन हॉल थोड़ा अच्छा है। टेनिस के मैदान की देखरेख नहीं होती।
राइट टाउन स्टेडियम
यह स्टेडियम खिलाडिय़ों के लिए कम, घूमने वालों के लिए ज्यादा हो गया है। सिंगल ट्रैक जवाब दे चुका है। दूसरी विधाओं के लिए सुविधा नहीं। बॉक्सिंग, कराते, टेबल टेनिस ट्र्रेनिंग सेंटर में भी सुधार की जरुरत।
रादुविवि खेल परिसर
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय खेल परिसर भी बेहतर नहीं है। एथलेटिक्स, बास्केटबॉल, टेनिस, हैंडबॉल और हॉकी के मैदानों में स्तरीय सुविधाएं नहीं हैं।
फूटाताल स्टेडियम
खेल कम, दूसरी गतिविधियां ज्यादा चलती हैं। निगम ने अतिक्रमण हटाकर इसे खेल के लिए तैयार किया था, लेकिन एक भी खेल नहीं हो सके।
रांझी खेल परिसर
इनडोर हॉल में बैडमिंटन के मुकाबले हो सकते हैं, लेकिन आउटडोर खेलों के लिए मैदान तैयार नहीं किया गया। जगह पर्याप्त है, लेकिन उसे विशेष खेल की दृष्टि से विकसित नहीं किया गया।
शिवाजी मैदान
केंट क्षेत्र के इस मैदान में भी खेलों के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। बरसात में मैदान में पानी भर जाता है। मैदान का इस्तेमाल खेलों के अलावा दूसरी गतिविधियों के लिए भी किया जाता है।
इन खेलों के मुख्यालय
(1) मप्र जिम्नास्टिक संघ, (2) मप्र साइक्लिंग संघ, (3) मप्र तैराकी संघ, (4) मप्र तलवारबाजी संघ, (5) मप्र फुटबॉल संघ, (6) मप्र बॉक्सिंग संघ, (7) हॉकी मध्यप्रदेश, (8) मप्र तीरंदाजी संघ, (9) मप्र बाउलिंग संघ, (10) मप्र ओलम्पिक संघ, 11-मप्र खो-खो संघ, 12) मप्र कराते संघ, (13) मप्र वेट लिफ्टिंग संघ, 14-मप्र वूशू संघ, (15) महाकोशल महिला हॉकी संघ, (16) मप्र अमेच्योर बॉडी बिल्डिंग संघ, (17) इंडियन स्टाइल कुश्ती संघ मप्र, (18) मप्र स्नूकर बिलियड्र्स संघ
एशियन गेम्स तक पहुंचे अंजुल नामदेव ने कई और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। खेल प्रतिभाओं के मामले में शहर काफी धनी है। यहां हर प्रकार के खेलों के लिए खिलाड़ी हैं। सुविधाएं और बेहतर हों, तो संस्कारधानी का नाम खेलों में विश्वपटल पर दिखाई देगा।
मनोज गुप्ता, वुशू कोच
भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा खेल प्रतिभाओं को लगातार निखारने का काम किया जा रहा है। यहां बड़े-बड़े कोचों की तैनाती की गई है। खिलाडिय़ों को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं, जिससे वे अपने खेल में और माहिर हो सकें। यहां के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शामिल हो चुके हैं।
कुलदीप सिंह बरार, साई प्रशासक व कोच
शहर की मुस्कान ने यह साबित कर दिया कि शहर में और भी प्रतिभाएं हैं, जिन्हें निखारने की आवश्यकता है। सभी को एकजुट प्रयास करने होंगे, जिससे शहर में खेल को और बेहतर स्थान मिल सके। कई खेलों के लिए मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, जिन्हें शासन, प्रशासन द्वारा पूरा किया जाना चाहिए।
अशरफ अली, हॉकी खिलाड़ी
शहर में कई और मुस्कान हैं, बस आवश्यकता है, उन्हें बेहतर गाइडेंस और सुविधाएं प्रदान करने की। यदि ऐसा हुआ, तो वह दिन दूर नहीं, जब शहर हर एक खेल में अपने खिलाड़ी राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उतार पाएगा। सभी खेलों के लिए पर्याप्त स्थान और सुविधाएं व संसाधन होने चाहिए।
परमजीत सिंह, बॉक्सिंग कोच