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वर्षों से दफन हैं चेम्बर, हो रहा सीवर अटैक, करोड़ों खर्च के बाद 10 साल बाद फिर तेरी याद आई

locationजबलपुरPublished: Feb 18, 2019 01:41:12 am

Submitted by:

shyam bihari

दस साल बाद भी सीवर प्रोजेक्ट अधूरा : नगरीय प्रशासन मंत्री, पीएस और तकनीकी टीम ने नगर निगम प्रशासन को दिए निर्देश

वर्षों से दफन हैं चेम्बर, हो रहा सीवर अटैक, करोड़ों खर्च के बाद 10 साल बाद फिर तेरी याद आई

वर्षों से दफन हैं चेम्बर, हो रहा सीवर अटैक, करोड़ों खर्च के बाद 10 साल बाद फिर तेरी याद आई

जेएनएनयूआरएम के तहत काम
– 2007 में शुरू हुआ प्रोजेक्ट
– 4 साल थी समयावधि
– 161 किमी बिछानी थी लाइन
– 142 करोड़ रुपए थी लागत
– 04 बार दिया एक-एक साल का एक्सटेंशन
– 100 किमी के लगभग हुआ काम
एडीबी का काम
– 2007 में शुरू किया काम
– 2 साल थी समय अवधि
– 201 किमी बिछानी थी पाइप लाइन
– 04 बार दिया एक-एक साल का एक्सटेंशन
– 82 करोड़ रुपए लागत थी पहले चरण में
– 80 किमी में हुआ काम
– 2012 में निरस्त हुआ ठेका
प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए ये काम करने होंगे
– 678 किमी में बिछाई जानी है सीवर लाइन
– 2,26,400 प्राूपर्टी चैम्बर कनेक्शन बनाने होंगे
– 13 हजार रुपए है एक प्रॉपर्टी कनेक्शन की लागत
– 55 गांवों में अलग से बिछाई जाएगी सीवर लाइन
जबलपुर। सीवर लाइन प्रोजेक्ट के तहत शहर में एक दशक से अधिक समय में करोड़ों रुपए खर्च किए गए। इसके बावजूद अब तक काम अधूरा है। हद तो यह है कि कई मुख्य मार्गों पर सीवर लाइन को प्रॉपर्टी चैम्बर समेत सड़क के नीचे दफन कर दिया गया। शहर के कुछ इलाकों में अधूरी सीवर लाइन से लोगों ने अपने घरों के टैंक जोड़ दिए। नतीजतन बारिश के दौरान चार महीने तक पूरा शहर ‘सीवर अटैकÓ से जूझता रहा। इस समस्या से निपटने के लिए अब प्रोजेक्ट पर नए सिरे से काम किया जाएगा। जिन स्थानों पर सीवर लाइन का काम अधूरा है, उसे पूरा किया जाएगा। सब लाइन बिछाने के साथ ही जमीन में दफन प्रॉपर्टी चैम्बर खोले जाएंगे। नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह, विभाग के पीएस संजय दुबे और तकनीकी टीम ने प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए डीपीआर तैयार करने के निर्देश नगर निगम प्रशासन को दिए हैं। पक्के नालों के दोनों ओर की जमीन पर हो रहे कब्जों को हटाने की कार्ययोजना बनाने के लिए भी कहा है।
150 नालों को किया पक्का
शहरी क्षेत्र में 150 छोटे-बड़े नालों को पक्का किया गया है। इस दौरान नालों के दोनों ओर जमीन को खाली छोड़ दिया गया। ज्यादातर जगह नालों की जमीन पर कब्जा हो गया है। इससे बारिश के दिनों में शहर के कई क्षेत्रों में जलभराव होता है। विधायक विनय सक्सेना ने नगरीय प्रशासन मंत्री के समक्ष इस मुद्दे को प्रमुखता से रखा था। इसके बाद उन्होंने नालों की जमीन से कब्जा हटाने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश नगर निगम निगम प्रशासन को दिए।
एक दशक से अधिक समय में भी सीवर लाइन का प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका है। अधूरी सीवर लाइन पर कई जगह बिल्डर्स और क्षेत्रीय लोगों ने कॉलोनी और रहवासी क्षेत्र के पाइप सीवर लाइन से जोड़ दिए हैं। इससे शहर में सीवर अटैक जैसी स्थिति बनी। लोगों को बीमारियों का सामना करना पड़ा। समस्या के निराकरण की मांग की गई थी। अब विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
विनय सक्सेना, विधायक
सीवर के अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने और कवर्ड कांक्रीटेड नालों के दोनों ओर की जमीन पर हो रहे कब्जों को हटाने की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। कार्ययोजना तैयार कर तेजी से काम किया जाएगा।
चंद्रमौलि शुक्ला, निगमायुक्त
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