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इस नेता ने चुनाव में हेरफेर कर पाई कुर्सी, सजा से पहले पूरा हो गया कार्यकाल!

locationजबलपुरPublished: Dec 08, 2018 09:40:18 am

Submitted by:

Lalit kostha

इस नेता ने चुनाव में हेरफेर कर पाई कुर्सी, सजा से पहले पूरा हो गया कार्यकाल!

BJP

bjp congress leader win election from cheating

जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट में विधानसभा व लोकसभा चुनाव के बाद चुनाव प्रक्रिया या परिणाम से असंतुष्ट रहने वाले उम्मीदवारों की चुनाव याचिकाओं पर सुनवाई के लिए की गई विशेष व्यवस्था के तहत उन्हें प्राथमिकता के आधार पर विशेष बेंच में सुना जाता है। लेकिन विधायक चुने जाने के बाद आधा दर्जन नेताओं ने बड़ी चतुराई से कानूनी दांव पेंच का इस्तेमाल कर निरापद तरीके अपने कार्यकाल का से लुत्फ उठा लिया। एक सांसद भी इस सूची में शामिल हैं। इनके खिलाफ दायर चुनाव याचिकाएं अटकी की अटकी रह गईं।

news facts- दायर हुई थीं आधा दर्जन चुनाव याचिकाएं
पांच साल तक कानूनी दावं-पेंच में उलझाकर नेताओं ने लिया कुर्सी का आनंद
अब भी पांच विधायकों व एक सांसद के खिलाफ याचिका लंबित,
एक साल में निराकरण का है नियम

दावं-पेंच में गुम एक साल का नियम
हाईकोर्ट ने चुनाव याचिकाओं के निराकरण के लिए एक साल की अवधि तय की गई है। इसके बावजूद नेताओं की कुटिल चालों के चलते 2013 के विधानसभा चुनाव के बाद दायर 31 में से पांच विधायक ों के खिलाफ 6 चुनाव याचिकाएं अभी भी अटकी हुई हैं। दो में फैसला सुरक्षित है, जबकि चार में विचारण ही पूरा नहीं हो सका। इसी तरह शहडोल सांसद ज्ञानसिंह के खिलाफ भी चुनाव याचिका लंबित है। जिनका कार्यकाल भी समाप्ति की ओर है।

इनके खिलाफ लंबित, होंगी सारहीन
अजय सिंह, चुरहट, सीधी
निशांक जैन, गंजबासोदा, विदिशा
कमलेश्वर पटेल, सिहावल, सीधी (दो याचिकाएं)
इनके खिलाफ फैसला सुरक्षित
ललिता यादव, छतरपुर—9 अगस्त 2018
रामलल्लू बैस, बैढऩ, सिंगरौली— 5 जुलाई 2018

2009 में दायर चुनाव याचिकाएं
42- दायर
39- निराकृत
03- सारहीन

सुनवाई की यह है व्यवस्था
मप्र हाईकोर्ट ने इन चुनाव याचिकाओं की सुनवाई के लिए विशेष व्यवस्था की है। तीनों खंडपीठों मेंं एक विशेष बेंच को ही मामले की सुनवाई सौंपी गई। दिन प्रतिदिन के आधार पर इनकी सुनवाई की गई। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि मप्र हाईकोर्ट रूल्स में भी चुनाव याचिका की प्राथमिकता पर सुनवाई किए जाने के प्रावधान है।

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