news facts- दायर हुई थीं आधा दर्जन चुनाव याचिकाएं
पांच साल तक कानूनी दावं-पेंच में उलझाकर नेताओं ने लिया कुर्सी का आनंद
अब भी पांच विधायकों व एक सांसद के खिलाफ याचिका लंबित,
एक साल में निराकरण का है नियम
दावं-पेंच में गुम एक साल का नियम
हाईकोर्ट ने चुनाव याचिकाओं के निराकरण के लिए एक साल की अवधि तय की गई है। इसके बावजूद नेताओं की कुटिल चालों के चलते 2013 के विधानसभा चुनाव के बाद दायर 31 में से पांच विधायक ों के खिलाफ 6 चुनाव याचिकाएं अभी भी अटकी हुई हैं। दो में फैसला सुरक्षित है, जबकि चार में विचारण ही पूरा नहीं हो सका। इसी तरह शहडोल सांसद ज्ञानसिंह के खिलाफ भी चुनाव याचिका लंबित है। जिनका कार्यकाल भी समाप्ति की ओर है।
इनके खिलाफ लंबित, होंगी सारहीन
अजय सिंह, चुरहट, सीधी
निशांक जैन, गंजबासोदा, विदिशा
कमलेश्वर पटेल, सिहावल, सीधी (दो याचिकाएं)
इनके खिलाफ फैसला सुरक्षित
ललिता यादव, छतरपुर—9 अगस्त 2018
रामलल्लू बैस, बैढऩ, सिंगरौली— 5 जुलाई 2018
2009 में दायर चुनाव याचिकाएं
42- दायर
39- निराकृत
03- सारहीन
सुनवाई की यह है व्यवस्था
मप्र हाईकोर्ट ने इन चुनाव याचिकाओं की सुनवाई के लिए विशेष व्यवस्था की है। तीनों खंडपीठों मेंं एक विशेष बेंच को ही मामले की सुनवाई सौंपी गई। दिन प्रतिदिन के आधार पर इनकी सुनवाई की गई। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि मप्र हाईकोर्ट रूल्स में भी चुनाव याचिका की प्राथमिकता पर सुनवाई किए जाने के प्रावधान है।