जैव विविधता: 676 शहर 26 से 29 अप्रेल तक डिजिटल माध्यम में अपलोड करेंगे तस्वीरें फूल, पत्ती, पौधों की गणना इस विशेष कार्यक्रम के चलते ग्राउंड लेवल पर काम होगा। संस्था सदस्यों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक लोग दुर्लभ पौधों और कीटों की जानकारी रखते हैं, लेकिन शहरवासी इन सब से अंजान रहते। इस कार्यक्रम से जुड़कर लोग घर, मोहल्ले और कॉलोनी में दिखाई देने वाले फूल, पत्ती, पौधे सहित अन्य जीवों की फोटो और डाटा भेजेंगे तो सीनियर साइंटिस्ट इन प्रजातियों की जानकारी आसानी से जुटा पाएंगे।
प्रदेश के प्रमुख शहर इस वैज्ञानिक सर्वे में देश के 200 शहर के साथ प्रदेश से भोपाल, इंदौर, खजुराहो, राजनगर, ग्वालियर, भिंड शामिल होंगे। इसके लिए शुक्रवार रात 12.01 मिनट से 29 अप्रेल सोमवार रात 11.59 बजे तक आसपास की जैव विविधता को मोबाइल और कैमरा से क्लिक कर आईनेचुलाइस्ट के वैज्ञानिक प्लेटफॉर्म पर अपलोड करनी होगी। फोटो अपलोड होने के बाद वैज्ञानिक ग्रुप द्वारा नमूने को भेजने वाले के नाम से शो किया जाएगा।
सीएफएनसी को कमान जबलपुर से सिटीजन फॉर नेचर एंड कंजरवेशन सोसायटी द्वारा कमान संभाली जाएगी। सोसायटी द्वारा मंडला और दमोद के डाटा भी इकट्ठा कर वैज्ञानिकों को सौंपे जाएंगे। सबसे ज्यादा डेटा इकट्ठा करने वाले लोगो और शहरों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरुस्कृत किया जाएगा। सोसायटी के डॉ. आमिर नसीराबादी ने बताया कि जैव विविधता सर्वे के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा। ऐसे में आसपास के सभी पेड़ पौधों, तितलियों, मकोड़ों, छिपकली, चिड़िया, चूहे, सर्प, पतंगे की फोटो की फोटो आईनेचुलाइस्ट पर अपलोड करनी होगी।