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भाग्य के देवता – इनकी कृपा से खुलता है तकदीर का ताला, छोटी सी इस पूजा से करें इन्हें प्रसन्न

locationजबलपुरPublished: Oct 11, 2018 09:06:47 am

Submitted by:

deepak deewan

इनकी कृपा से खुलता है तकदीर का ताला,

brhaspati dev ki pija vidhi

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जबलपुर। ऐसा कहा और माना जाता है कि ज्योतिष शास्त्र वेदों की सबसे बड़ी सौगात है। ज्योतिष दरअसल वैसा है नहीं जैसा कि वर्तमान में इसे बताया जा रहा है। अंधविश्वास ज्योतिष का कभी भी अंग नहीं रहा। पंडित जनार्दन शुक्ला बताते हैं कि ज्योतिष गं्रथों में यह बात स्पष्ट तौर पर लिखी गई है कि जीवन पूरी तरह कर्म आधारित है। जैसा कर्म करोगे, वैसा ही फल मिलेगा। जीवन के सारे सुख-दुख हमारे वर्तमान और पूर्व जन्मों के कर्मों के फल ही हैं।
ज्योतिष में कुंडली में नवग्रहों की स्थिति ही सबसे महत्वपूर्ण होती है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर ही वर्तमान और भविष्य का कुछ अनुमान लगाया जाता है। ज्योतिष पूरी तरह विज्ञान है हालांकि यह बेहद कठिन विद्या है, यह भी सच है। ज्योतिष में ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय बताए जाते हैं और इनमें भी मंत्र जाप को सर्वाेच्च स्थान दिया गया है। मंत्र जाप हर हाल में फल देते ही हैं, हमारे प्रारब्ध के मुताबिक परिणाम मिलते हैं।

नवग्रहों में बृहस्पति को गुरु का दर्जा दिया गया है। बृहस्पतिजी देवगुरु भी हैं और भाग्य व धन के कारक माने जाते हैं। व्यक्ति के जीवन में भाग्य सबसे अहम भूमिका निभाता है और भाग्य के निर्धारक बृहस्पति की कुंडली में स्थिति से यह अच्छा या बुरा बनता है। कुंडली में बृहस्पति की स्थिति अच्छी है, वे उच्च के हैं, मित्र स्थान में हैं, कारक हैं , क्रूर ग्रहों की युति या दृष्टि नहीं है तो सब कुछ अच्छा ही अच्छा होता रहेगा। भाग्य आपका हमेशा और भरपूर साथ देगा। इससे उलट यदि कुंडली में बृहस्पति की स्थिति अच्छी नहीं है, बृहस्पति नीच के हैं, शत्रु स्थान में बैठे हैं, अस्त हैं या अकारक हैं तो भाग्य हमेशा रूठा रहेगा। कठिन संघर्ष करने पर भी सफलता मिलना कठिन होगा।

पंडित दीपक दीक्षित बताते हैं कि कुंडली में बृहस्पति की स्थिति अच्छी न हो, भाग्य साथ न दे रहा हो तो बृहस्पतिदेव की कृपा बहुत जरूरी है। इसके लिए बृहस्पति मंत्र जाप जरूरी है। सरल मंत्र ऊं बृं बृहस्पतयै नम: या तांत्रिक मंत्र- ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम: का जाप करें। शुक्ल पक्ष के किसी भी गुरुवार से इन मंत्रों में किसी भी एक मंत्र का जाप शुरु करें और 40 दिन में 19 हजार जाप पूरे करें। इसके बाद बृहस्पतिजी की कृपा से आपका जीवन बदलने लगेगा। यह मंत्र जाप जरूर फल देता, इसलिए मनोयोग से जाप करें। 19 हजार जाप पूरा होने के बाद रोज कम से कम एक माला जाप जरूर किया करें। जीवन भर भाग्य का साथ मिलेगा। देवगुरु बृहस्पति विष्णुजी की पूजा से प्रसन्न होते हैं। विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें, पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा पढ़ें।
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