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शिक्षकों की कोचिंग पर बैन, ढाई हजार शिक्षकों पर तनी तलवार

locationजबलपुरPublished: Jun 15, 2019 12:55:01 am

Submitted by:

Mayank Kumar Sahu

शिक्षा विभाग का फरमान : आदेश के उल्लंघन पर शिक्षक के साथ संकुल प्राचार्य पर भी होगी कार्रवाई, दहशत में आए शिक्षक

Bain teachers coaching, stretched sword 2.5 thousand teachers

Bain teachers coaching, stretched sword 2.5 thousand teachers

यह है स्थिति

-2460 सरकारी स्कूल

-1605 प्राइमरी स्कूल

-652 मिडिल स्कूल

-101 हाईस्कूल

-102 हायर सेकेंडरी स्कूल

……

-1.5 लाख प्राइमरी मिडिल

-40 हजार छात्र हाई एवं हायर सेकेंडरी
….

-5000 शिक्षक प्राइमरी मिडिल

-3500 शिक्षक हाई एवं हायर सेकेंडरी

……

-218 स्कूल शहरी स्कूल

-345 नगर ग्रामीण के स्कूल

-1692 ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल में

…….
25-30 फीसदी शिक्षक टयूशन से जुड़े

जबलपुर.

शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर कोचिंग पढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक न तो निजी कोचिंग संस्थानों में पढ़ा सकेंगे और न ही अपने आवास पर। आदेश में यह भी कहा गया कि निर्देशों का पालन नहीं होने पर सम्बंधित शिक्षक के साथ संकुल प्राचार्य के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी। जिले के कुल 2460 स्कूलों में करीब 8500 शिक्षक स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। इनमें से करीब 25 से 30 फीसदी शिक्षक ऐसें हैं जो कि बच्चों को आवासीय परिसर में कोचिंग के माध्यम से पढ़ाते हैं। इनका आंकड़ा करीब जिले में 2500 से अधिक बताया जाता है। इस निर्णय से शिक्षकों की कोचिंग पर चोट पहुंचेगी।
सीएम हेल्पलाइन में जिले की भी शिकायतें

अभिभावकों और छात्रों ने ऐसे शिक्षकों के खिलाफ सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की है। शिकायत में कहा गया है कि शासकीय शिक्षक स्कूलों में सही ढंग से शिक्षण कार्य नहीं कराते। पूर्व में भी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों जिसमें जबलपुर, पाटन, सिहोरा में शिक्षकों के द्वारा कोचिंग पढ़ाने अथवा टयूशन के लिए दबाव बनाने की शिकायतें पहुंची थीं।
खबर के बाद शिक्षकों में दहशत

सूत्रों के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग के निर्णय की जानकारी जैसे ही वायरल हुई शिक्षकों में दहशत का माहौल बन गया। जो शिक्षक कोचिंग अथवा निजी टयूशन से जुड़े थे उनके माथे पर चिंता की लकीरें दौडऩे लगी। शिक्षकों को स्कूल खुलने के दौरान ही शपथ पत्र देने से घबराहट बनी है। शपथ पत्र में शिक्षकों को लिखकर देना होगा- ‘मेरे द्वारा किसी प्रकार की कोचिंग नहीं पढ़ाई जाती। इस सम्बंध में यदि कोई शिकायत प्राप्त होती है और जांच में दोषी पाया गया तो मेरे ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।’
-यदि शिक्षक पूरी गम्भीरता से पढ़ाई पर ध्यान दें तो विद्यार्थियों को किसी कोचिंग या टयूशन की जरूरत नहीं पड़ेगी। जिला शिक्षा अधिकारियों को तत्काल आदेश पर अमल करने के निर्देश दिए गए हैं।
-राजेश तिवारी, सम्भागीय संयुक्त संचालक शिक्षा

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