कम हो रही थीं मुर्गियां
जानकारों के अनुसार कुंडम रोड, अमझर घाटी के समीप ग्राम पड़रिया में रमिंदर सिंह का फार्म हाउस है। उन्होंने यहां छोटा सा पोल्ट्री फार्म भी बना रखा है। इसमें कई मुर्गियां पली हुई हैं। पिछले कुछ दिनों से रमिंदर के पोल्ट्री फार्म से मुर्गियों की संख्या लगातार कम होती जा रही थी। वे हैरान थे कि आखिर मुर्गियां जा कहां रही हैं।
कर्मचारियों पर शक
रमिंदर को शक हुआ कि फार्म हाउस के कर्मचारी यह गफलत कर रहे हैं। संभवत: वे मुर्गियों को चुराकर खा जाते हैं। रमिंदर ने कर्मचारियों से हर स्तर पर पूछताछ की, लेकिन सभी ने मुर्गियों की जानकारी से साफ इंकार कर दिया। इससे रमिंदर को हैरानी हुई और उन्होंने चोर को रंगे हाथों पकडऩे की सोची। उन्होंने पोल्ट्री फार्म के एक हिस्से में गोपनीय तौर पर एक सीसीटीवी कैमरा लगवा दिया।
कैद हुई हरकत
रमिंदर के अनुसार उन्होंने सुबह सीसीटीवी कैमरा चैक किया तो मुर्गियों के बीच चीख-पुकार और हलचल दिखाई दी। वीडियो को करीब से देखने से पता चला कि समीप ही बने घास के ढेर से कोई सांप जैसी वस्तु निकलती दिखाई दे रही है। हालांकि दृश्य बहुत धुंधला था। इसमें स्पष्ट कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि माजरा आखिर है क्या? बाद में कर्मचारियों ने बताया कि बड़े सांप भी मुर्गियों को अपना निवाला बना लेते हैं। हो सकता है कि यह हरकत किसी सांप की ही हो। कर्मचारी की बात रमिंदर को जम गई।
फिर सामने आया ये
रमिंदन ने शनिवार को वाकये की जानकारी सर्प विशेषज्ञ धनंजय घोष को दी। धनंजय स्नेक रेस्क्यू उपकरणों के साथ अमझर घाटी के करीब पड़रिया स्थित फॉर्म हाउस फार्म हाउस में पहुंचे और रेस्क्यू चालू किया। कुछ ही देर में सच्चाई सामने आ गई। फार्म हाउस के बगल में एक घास के ढेर के किनारे छिपा हुआ एक अजगर दिख गया। वन कर्मियों की मौजूदगी में धनंजय ने उसे पकड़ा और फिर ले जाकर दूर जंगल में छोड़ दिया। बताया गया है कि अजगर करीब छह फीट लम्बा है। उसके पेट में निगली हुई एक मुर्गी भी थी। बताया गया है कि फार्म हाउस से पिछले करीब एक हफ्ते से मुर्गियां गायब हो रही थीं, यानी अजगर करीब एक सप्ताह पहले की कहीं से यहां आ गया था। रेस्क्यू के बाद वन कर्मियों ने ग्रामीणों को सांप से बचने और उन्हें भगाने के तरीकों की भी जानकारी दी।