यूट्यूब पर लाखों फॉलोअर्स, अवेयरनेस फैला रहे
रौनक अग्रवाल प्रोफेशनल क्लीयर कर सीएस बन गए हैं। रौनक बताते हैं कि ट्वेल्थ क्लास तक वे एवरेज स्टूडेंट थे, लेकिन सीएस के फाउंडेशन लेवल से जो स्टडी पर उन्होंने फोकस किया, उसके बाद से वे लगातार मैदान मारते आ रहे हैं। फाउंडेशन और एग्जीक्यूटिव दोनों ही में ऑल इंडिया रैंक हासिल की और अब मात्र 20 साल की उम्र में सीएस बन गए हैं। रौनक ने बताया कि सीएस की फील्ड में उनके पास जो नॉलेज है, वो अन्य युवाओं को देना चाहते हैं। यही वजह है कि उन्होंने यूट्यूब पर रौनक अग्रवाल के नाम से चैनल बनाया और वीडियोज शेयर किए। रातों ही रात वह वीडियो युवाओं के बीच छा गए, क्योंकि उन्हें निशुल्क नॉलेज मिला। रौनक बताते हैं कि इस काम को करने की इंस्पीरेशन मेंटर सीए अजय अग्रवाल रहे। रौनक अपनी सफलता का श्रेय मां अलका और पिता राजेंद्र अग्रवाल को देते हैं।
टाइम मैनेजमेंट आया काम
सीएस बन गए परख जैन बताते हैं कि परीक्षा कठिन थी, लेकिन कड़ी मेहनत के कारण उन्होंने इस कठिन एग्जाम को पार कर लिया। उनका कहना है कि टाइम टू टाइम स्टडी की और हॉबी को भी समय दिया। यही वजह है कि अच्छा स्कोर कर पाया। परख अपनी सक्सेस का श्रेय सीए आशुतोष ददरया को देते हैं। परख ने बताया कि मुम्बई की चार बड़ी कंपनी में ट्रेनिंग के लिए कॉल आया है।
अब अगले ग्रुप के लिए मेहनत
हिमांशी तिवारी ने सीएस प्रोफेशनल का ग्रुप वन क्लीयर कर लिया है। अब वे बाकी के दो ग्रुप की प्रिपरेशन करेंगी। हिमांशी बताती हैं कि रोजाना पढ़ाई, रिवीनज और राइटिंग स्किल पर फोकस किया, तब जाकर उन्हें सक्सेस मिल पाई है। आने वाले बाकी ग्रुप में भी ऐसी ही प्रिपरेशन करेंगी। हिमांशी अपनी सक्सेस का श्रेय पैरेंट गीता संतोष तिवारी को देती हैं।
स्वप्निल गुप्ता ने सीएस एग्जीक्यूटिव के दोनों ग्रुप एक साथ क्लीयर कर लिए हैं। अब वे प्रोफेशनल की तैयारी करेंगे। स्वप्निल साथ-साथ सीए भी कर रहे हैं।
आयुष सेन ने एग्जीक्यूटिव का सेकंड ग्रुप क्लीयर कर लिया है। अब वे प्रोफेशनल की प्रिपरेशन में जुट गए हैं। सफलता का श्रेय पैरेंट कल्पना अरविंद सेन को देते हैं।