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सफाई के लिए आई मशीनें रखे-रखे हो गईं खराब

locationइटारसीPublished: Mar 25, 2019 03:59:14 pm

Submitted by:

rajendra parihar

जंक्शन पर रोजाना लगभग 150 ट्रेन की आवाजाही होती है लेकिन प्लेटफार्म पर सफाई व्यवस्था पुख्ता नहीं हैं। स्टेशन पर सफाई के लिए उपयोग में आने वाले अधिकतर मशीने खराब होती जा रही है।

Cleaning machines are kept safe

सफाई के लिए आई मशीनें रखे-रखे हो गईं खराब

इटारसी. जंक्शन पर रोजाना लगभग 150 ट्रेन की आवाजाही होती है लेकिन प्लेटफार्म पर सफाई व्यवस्था पुख्ता नहीं हैं। स्टेशन पर सफाई के लिए उपयोग में आने वाले अधिकतर मशीने खराब होती जा रही है। यही कारण है कि खराब मशीनों का कबाड़ दिनोदिन बढ़ता जा रहा है। स्टेशन पर पोछा लगाने की मशीनों की भी कमी है। कोच के टॉयलेट की सफाई के लिए सभी प्लेटफार्म पर क्लीनिंग मशीन है। हालांकि यह क्लीनिंग मशीन भी नियमित उपयोग नहीं हो रही है। मशीनों के टैंक में सफाई के लिए उपलब्ध पानी के स्तर से ही इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है।
यात्री कहा करें गंदगी की शिकायत
रेलवे ने कोच में गंदगी की शिकायत के लिए स्टेशन पर यात्री कोच स्वच्छता शिकायत कक्ष बनाया था। हालांकि अब इस काउंटर को भी कबाड़ के बीच रख दिया है। यही कारण है कि कोच में गंदगी की शिकायत के लिए स्टेशन पर यात्री परेशान होते रहे हैं।
जर्जंर पाइप लाइन से पानी को हो रही बर्बादी
जंक्शन पर ट्रेनों में वाटरिंग के लिए बिछी पाइप लाइन पुरानी हो चुकी है। यही कारण है कि पाइप लाइन कई जगह से क्षतिग्रस्त है जिससे उनमें लीकेज हो गए हैं। लीकेज की वजह से रोजाना हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। रेलवे द्वारा पूर्व में लाइन के नवीनीकरण का प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन मंडल की स्वीकृति नहीं मिलने से मामला अटक गया। आलम यह है कि पाइप लाइन में लीकेज की समस्या से प्रेशर कम हो रहा है। प्रेशर कम होने से ट्रेन के स्टॉपेज के समय में पर्याप्त पानी नहीं भर पाता है। प्रबंधन को इस बात पर ध्यान देना होगा नहीं तो गर्मी में यात्रियों को खासी परेशानी का सामना पड़ सकता है।
दोगुनी हो जाती है पानी की डिमांड
रोजाना करीब 250 ट्रेनें रोजाना गुजरती हैं। गर्मी में समर स्पेशल एवं यात्रियों का दबाब बढऩे से पानी की डिमांड दोगुनी हो जाती है। इस दौरान ट्रेनों के कोच वाटरिंग, पेयजल एवं प्लेटफार्म की धुलाई के लिए 80 लाख लीटर पानी की जरूरत होती है जबकि ५० लाख लीटर पानी की ही आपूर्ति हो पाती है।
इनका कहना है
पाइप लाइन के लीकेज को दुरुस्त कराया जाएगा। ट्रेन में वाटरिंग का काम करने वाले कर्मचारियों को निर्देशित किया जाएगा जिससे यात्रियों को परेशानी न हो।
केसी गुप्ता, एसएसई, कैरिज एंड वैगन

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