Published: Sep 19, 2018 09:50:41 am
Saurabh Sharma
अगर रुपया 75 के स्तर की गिरावट पर आता है तो विजय माल्या की किंगफिशर से भी ज्यादा दूसरी एयरलाइन कंपनी का बुरा हाल होगा।
रुपए की गिरावट ने खड़ी की मुसिबत, किंगफिशर की तरह एक आैर एयरलाइंस कंपनी हो सकती है दिवालिया
नर्इ दिल्ली। रुपए की गिरावट आैर क्रूड आॅयल के दाम बढ़ने के कारण एयरलाइंस इंडस्ट्री पर अब तक का सबये बड़ा संकट गहरा गया है। अभी जो रिपोर्ट सामने आर्इ है उसमें किंगफिशर की तरह एक आैर एयरलाइंस कंपनी के दिवालिया होने की आशंका है। जानकारों की मानें तो अगर रुपया 75 के स्तर की गिरावट पर आता है तो विजय माल्या की किंगफिशर से भी ज्यादा दूसरी एयरलाइन कंपनी का बुरा हाल होगा। आपको बता दें कि 2012 में किंगफिशर एयरलाइंस दिवालिया हो गर्इ थी।
कंपनियों को हो रहा है बड़ा नुकसान
मौजूदा समय में देश में एयरलाइंस की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। सभी के बीच मार्केश शेयर के लिए बड़ी जंग चल रही है। सभी की बैलेंसशीट नुकसान में है। अगर जून क्वार्टर के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो देश की 3 बड़ी लिस्टेड कंपनियों के प्राॅफिट में बड़ा नुकसान देखने को मिला है। जहां इंडिगो के मुनाफे में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। वहीं जेट एयरवेज ने 1,323 करोड़ रुपए का नुकसान उठाया था। वहीं बात स्पाइसजेट की करें तो कंपनी का घाटा 38 करोड़ रुपए का रहा था।
अभी आैर नुकसान होने की आशंका
प्राॅफिटेबल माने जाने वाले जून क्वॉर्टर में कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा है। एेसे में सितंबर में भी अाशंका जतार्इ जा रही है कि एयरलाइंस कंपनियों को नुकसान ही होगा। वहीं दिसंबर क्वॉर्टर एयरलाइंस के लिए न्यू ईयर की छुट्टियों के कारण कुछ बेहतर रह सकता है, लेकिन दिक्कतें कम नहीं होंगी। जानकारों की मानें तो भारतीय करंसी के हर बार डॉलर के मुकाबले 1 रुपया कमजोर होने पर इंडिगो जैसी एयरलाइन को प्रत्येक महीने लगभग 20 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करने पड़ते हैं क्योंकि अधिकतर एयरलाइंस की कॉस्ट डॉलर में होती है। जिससे इंडिगो को करीब 1,700 करोड़ रुपए की अतिरिक्त कॉस्ट उठानी होगी। जेट एयरवेज, स्पाइसजेट और एयर इंडिया, विस्तारा सहित सभी एयरलाइंस के लिए नुकसान लगभग 4,000 करोड़ रुपए का हो सकता है।
बढ़ी है विमानों की संख्या
भारतीय एयरलाइंस ने पिछले वित्तीय वर्ष में 88 नए विमान जोड़े हैं और मौजूदा समय में 136 और विमान जोड़े जा रहे हैं। भारतीय एयरलाइंस मार्च तक अपना कुल बेड़ा बढ़ाकर लगभग 700 विमानों का कर लेंगी। यह हाल के वर्षों में सबसे अधिक ग्रोथ हो सकती है। एयरलाइंस के लिए अगले दो क्वॉर्टर बहुत महत्वपूर्ण हैं और इससे उनके आगे के बिजनस की राह तय हो सकती है।