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देशवासियों को PM मोदी ने दिया दिवाली का तोहफा, कर्ज पर मिलेगी दो फीसदी तक की छूट

locationनई दिल्लीPublished: Nov 03, 2018 08:21:17 am

Submitted by:

Manoj Kumar

पीएम मोदी ने कहा है कि एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए उनकी सरकार ने 12 महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।

PM Modi

PM मोदी ने दिया दिवाली का तोहफा, कर्ज पर मिलेगी दो फीसदी की छूट

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छोटे उद्योगों को दिवाली का तोहफा देते हुए शुक्रवार को उन्हें तुरंत और सस्ता ऋण, निरीक्षकों से मुक्ति, सरकारी कंपनियों में 25 फीसदी अनिवार्य खरीद तथा निर्यात कारोबारियों को ब्याज में पांच फीसदी छूट देने के फैसलों का ऐलान किया। इस दौरान पीएम ने कहा कि सरकार नए भारत का निर्माण करने में उनके साथ हरसंभव सहयोग करने को तैयार है। मोदी ने दिल्ली में ‘सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग -सहयोग एवं संपर्क’ कार्यक्रम को संबोधित करते कहा कि सरकार ने छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए 12 महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं जिनसे नए भारत के निर्माण में मदद मिलेगी।
जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों को ब्याज में छूट

उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पंजीकृत छोटे उद्यमियों को एक करोड़ रुपए तक ऋण अब मात्र 59 मिनट में स्वीकृत होंगे और उस पर ब्याज में दो फीसदी की छूट दी जाएगी। इसके लिये उद्यमियों को ऑनलाइ्रन आवेदन करते हुए जीएसटी रिटर्न,आयकर रिटर्न और बैंक खाते का ब्यौरा उपलब्ध कराना होगा। इस आवेदन को महज 59 मिनट में सैद्धांतिक अनुमति मिलेगा। मोदी ने छोटे उद्यमियों को बैंकों तक पहुंचे बगैर एक करोड़ रुपए के ऋण मात्र 59 मिनट में प्रदान करने वाले पोर्टल का भी शुभारंभ किया।
देश में नए युग की शुरुआत करेंगे 12 फैसले

पिछले साढ़े चार के दौरान सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये 12 फैसले देश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के लिए दीपावली का उपहार तो हैं हीं, देश में छोटे उद्योगों के एक नए युग, एक नए अध्याय की भी शुरुआत करेंगे। इस अवसर पर पूरे देश में एक सौ जगह पर आयोजन भी किये गए थे।
सरकारी कंपनियों को छोटे उद्योगों से करनी होगी 25 फीसदी खरीदारी

मोदी ने कहा कि सभी सरकारी कंपनियों के लिए छोटे उद्योगों से 25 फीसदी खरीद करना अनिवार्य कर दिया गया है। पहले यह अनिवार्यता 20 फीसदी थी। इस खरीद में से तीन फीसदी खरीद महिला उद्यमियों से करनी होगी। उन्होंने छोटे उद्यमियों के नगदी प्रवाह को गति देने एवं बड़ी कंपनियों से भुगतान में विलंब पर होने वाली कठिनाइयों से राहत देते हुए कहा कि 500 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाली सभी कंपनियों को अब ट्रेड रिसीवेबल ई डिस्काउंट सिस्टम (टीआरईडीएस) प्लेटफार्म पर आना होगा जिससे छोटे उद्योग की नगदी प्रवाह की समस्या दूर करने में मदद मिलेगी।
6 हजार करोड़ की लागत से बनेंगे टूलरूम

उन्होंने सभी सरकारी कंपनियों के जेम प्लेटफार्म पर पंजीयन करने को अनिवार्य बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि अब सरकारी कंपनियों को अपने सभी वेंडर एमएसएमई को भी इस प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत कराना होगा, जिससे उनके और से की जा रही खरीद में भी छोटे उद्योग को अधिक से अधिक लाभ मिल सकेगा। छोटे उद्योगों को नई तकनीक उपलब्ध कराने पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि सरकार ने देशभर में टूलरूम की व्यवस्था को और विस्तार करने का निर्णय लिया है। इसके लिए 20 हब बनाए जाएंगे और टूल रूम जैसे 100 स्पोक देशभर में स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए छह हजार करोड़ रुपए के पैकेज देने की घोषणा की।
छोटे उद्योग क्षेत्र की फार्मा कंपनियों के लिए बनेगा कलस्टर

प्रधानमंत्री ने छोटे उद्योग क्षेत्र की फार्मा कंपनियों के लिए क्लस्टर बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि इन क्लस्टरों पर 70 फीसदी खर्च केंद्र सरकार करेगी। इस फैसले से फार्मा क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी और छोटे कारोबारियों को कारोबार करने में आसानी होगी। वे सीधे ग्राहकों तक पहुंच पाएंगे। उन्होंने कहा कि एमएसएमई के लिए सरकारी प्रक्रियाओं को आसान करने की कड़ी में कम से कम फॉर्म और रिटर्न देने पड़ें, इस संबंध में निर्णय लिए गए हैं। अब आठ श्रम कानूनों और 10 केन्द्रीय नियमों के तहत दिया जाना वाला रिटर्न साल में दो बार की जगह एक बार ही देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अनावश्यक जांच से मुक्ति दिलाने के लिए अब कंप्यूटरीकरण रैंडम आंवटन के जरिए ही निरीक्षक संबंधित कंपनियों का निरीक्षण करेगा और उसे 48 घंटे में अपनी रिपोर्ट पोर्टल पर डालनी होगी। अब वह अपनी मर्जी से किसी भी जगह नहीं जा सकेगा। लघु उद्योगों को इंस्पेक्टर राज से मुक्ति दिलाने में ये फैसला बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा।
एमएसएमई के लिए कम होगी कानूनी प्रक्रिया

मोदी ने कहा कि वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण कानूनों के तहत एमएसएमई के लिए इन दोनों को एक करके, अब सिर्फ एक ही मंजूरी को अनिवार्य बनाया गया है। इसमें स्व प्रमाणन को बढ़ावा मिलेगा। अब स्व प्रमाणन पर रिटर्न स्वीकृत होंगे और श्रम विभाग की तरह की पर्यावरण के नियमित निरीक्षण समाप्त होंगे और सिर्फ 10 फीसदी एमएसएमई का निरीक्षण होगा। उन्होंने कहा कि कंपनी कानून के तहत छोटी छोटी गलतियों के लिए कई बार मामला कानूनी रूप ले लेता है। इस तरह की समस्या के समाधान के लिए सरकार एक अध्यादेश लेकर आई है जिसमें छोटी-छोटी गलतियों को सुधारने के लिए अदालत नहीं जाना पड़ेगा। अब अनजाने में हुए छोटे उल्लंघन के लिए संबंधित विभाग में जाकर, कुछ आसान प्रक्रियाओं के माध्यम से सुधार किए जा सकते हैं।

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