Published: Sep 10, 2018 11:23:25 am
Saurabh Sharma
अब मुकेश अंबानी ने 6 आैर कंपनियों की हिस्सेदारी को खरीदने का काम किया है। खास बात ये है कि इन कंपनियों की हिस्सेदारी को खरीदने में मुकेश अंबानी ने 92 करोड़ रुपए खर्च कर दिए हैं।
मुकेश अंबानी ने 92 करोड़ रुपए में खरीदी 6 आैर कंपनियों की हिस्सेदारी
नर्इ दिल्ली। मार्केट के मूड आैर एनपीए की स्थिति को देखते हुए मुकेश अंबानी ने अपनी शाॅपिंग लगातार जारी रखे हुए हैं। अब मुकेश अंबानी ने 6 आैर कंपनियों की हिस्सेदारी को खरीदने का काम किया है। खास बात ये है कि इन कंपनियों की हिस्सेदारी को खरीदने में मुकेश अंबानी ने 92 करोड़ रुपए खर्च कर दिए हैं। आने वाले दिनों में मुकेश अंबानी की यह शाॅपिंग जारी रह सकती है।
आरआरवीएल के बैनर तले हुआ सौदा
देश के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी का कंपनियों को खरीदने का सिलसिला जारी है। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) ने रेडिमेड गारमेंट होलसेलर एंड रिटेल जेनिसिस कलर्स लिमिटेड में 16.31 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। यह डील 34.80 करोड़ रुपए में हुई। इसके अलावा आरआरवीएल ने 5 और कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदी है। इसके लिए उन्होंने 57.03 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
जेनिसिस कलर्स में हुर्इ 65.77 फीसदी की हिस्सेदारी
रिलायंस ने कहा कि उसकी सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस रिटेल वेचर्स लिमिटेड ने जेनिसिस कलर्स में 34.80 करोड़ रुपए में 16.31 फीसदी खरीदी है। इस खरीददारी से साथ जेनिसिस कलर्स में आरआरवीएल की हिस्सेदारी बढ़कर 65.77 फीसदी हो गई है। जेनिसिस कलर्स की स्थापना नवंबर 1998 में हुई थी। वहीं आरआरवीएल ने 5 अन्य कंपनियों की हिस्सेदारी खरीदी है। जिनमें जीएलएफ लाइफस्टाइल ब्रांड्स और जेनिसिस ला मोड की हिस्सेदारी क्रमश: 38.45 करोड़ रुपए व 10.57 करोड़ रुपए में खरीदी। वहीं जेनिसिस लग्जरी फैशन प्राइवेट लिमिटेड में 2.07 फीसदी हिस्सेदारी 3.37 करोड़ रुपए में खरीदी। जीएमएल इंडिया फैशन और जीबीएल बॉडी केयर में 50 फीसदी हिस्सेदारी क्रमश: 4.48 करोड़ रुपए व 16 लाख रुपए में खरीदी।
बीते एक साल में 29 हजार करोड़ रुपए कर चुके हैं खर्च
मुकेश अंबानी बीते एक साल में कंपनियां या उनके शेयर्स खरीदने में करीब 4.21 अरब डॉलर यानी 28,900 करोड़ रुपए खर्च कर चुके हैं। आरआईएल द्वारा की गईं इन सभी डील्स में शामिल 10 कंपनियां कंज्यूमर बिजनेस की हैं। अंबानी भारत की मौजूदा बैड लोन की समस्या को भुनाने के मूड में नजर आ रहे हैं।