scriptजयप्रकाश गौड़…जानिए एक इंजीनियर की अर्श से फर्श तक पहुंचने की पूरी कहानी | Know the demolition story of Jayprakashb group | Patrika News

जयप्रकाश गौड़…जानिए एक इंजीनियर की अर्श से फर्श तक पहुंचने की पूरी कहानी

locationनई दिल्लीPublished: Aug 11, 2017 01:12:00 pm

जेपी ग्रुप की नींव एक साधारण इंजीनियर जयप्रकाश गौड़ ने 1981 में डाली थी। गौड़ ने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर कांट्रैक्ट लेना शुरू किया।

Jaypee
नई दि‍ल्ली. जेपी ग्रुप भारी कर्ज के बोझ में है। इस ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया भी घोषित कर दिया गया। पर, क्‍या आपको पता है सीमेंट से लेकर होटल, एक्सप्रेसवे, अस्पताल, शिक्षण संस्थान, रियल एस्टेट समेत कई सेक्टर में कारोबार करने वाली इस कंपनी की नींव किसने डाली थी। अगर नहीं तो पत्रिका आपको आज बता रहे हैं कि इस ग्रुप के शुरू से लेकर अब तक के सफर के बारे में…
साधारण इंजीनियर से अरबों का बिजनेस

जेपी ग्रुप की नींव एक साधारण इंजीनियर जयप्रकाश गौड़ ने 1981 में डाली थी। गौड़ ने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर सबसे पहले कांट्रैक्ट लेना शुरू किया और देखते – देखते यह ग्रुप 1खरब रुपए मूल्य की हो गई। सीमेंट, पावर, रियल एस्टेट के अलावे भी कई सेक्टर में ग्रुप ने अपनी अलग पहचान बनाई लेकिन जिस तेजी से यह आगे बढ़ी उसी तेजी से नीचे गिरती चली गई।
क्‍यों कर्ज में डूबता गया ग्रुप

अधिकांश उद्योग पर्यवेक्षक और विश्लेषकों का मानना है कि 2006 और 2012 के बीच, ग्रुप ने रियल एस्टेट, पावर और सीमेंट में 60,000 करोड़ रुपए का निवेश किया। लेकिन पिछले तीन सालों में इतने बड़े निवेश के बाद लाभ के जगह नुकसान उठाना पड़ा। इसके साथ ही ग्रुप कंपनियों के बीच समांजस्य नहीं बैठ पाया है जो घाटे की बड़ी वजह रहा। जेपी समूह ने 2013 में, पहली बार समूह को अपने सीमेंट संयंत्रों को बेचना पड़ा। ऐसा ही हाल पावर कंपनियों का रहा। जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड को दो असफल प्रयासों के बाद, आखिरकार, 2015 में सज्जन जिंदल के जेएसडब्ल्यू एनर्जी को बेचा गया। रियल एस्टेट कारोबार के साथ भी ऐसा रहा। टाउनशिप प्रोजेक्‍ट शुरू तो कर दिए गए लेकिन कंपनी के पास अनसोल्ड इनवेंट्री बहुत ज्‍यादा रहा। रियल एस्टेट मार्केट में मंदी का असर भी हुआ जिससे कर्ज का बोझ बढ़ता चला गया।
कहां हुआ था जन्‍म

उत्तर प्रदेश के जिले बुलंदशहर के एक गांव में जेपी ग्रुप के संस्‍थापक जय प्रकाश गौड़ का जन्‍म 2 जनवरी 1931 को हुआ था। पिता पंडित बलजीत सिंह उस समय प्रदेश में कृषि पर्यवेक्षक के पद पर जनपद सहारनपुर के देवबंद में तैनात थे। वर्ष 1936 में स्थानांतरण होने के बाद जिला मैनपुरी के बेवर में आ गए। यहां कक्षा 1 से कक्षा 4 तक की पढ़ाई पूरी की। 1948 में उनका चयन उस समय थामसन इंजीनियरिंग कॉलेज और आज के आईआईटी रुढ़की में हो गया। इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार के सिंचाई विभाग में नौकरी मिल गई, लेकिन 1958 में उन्‍होंने सिविल कॉन्ट्रेक्टर के तौर पर अपना काम शुरू कर दिया और धीरे-धीरे अपनी कंपनी खड़ी कर दी।
जानें, कैसे शुरू जयप्रकाश का सफर

1981 में जेपी ने अपने पहला होटल खोला, जिसका नाम सिद्धार्थ रखा गया। इस नाम से अब कई शहरों में होटल हैं।
1987 में जयप्रकाश एसोसिएट लिमिटेड के नाम से बीएसई में रजिस्‍टर्ड कराई।
1992 में जयप्रकाश हाइड्रो पावर लिमिटेड के नाम से पावर सेक्टर में प्रवेश किया।
1986 में कंपनी ने सीमेंट का कारोबार शुरू किया ।
2001 में जेपी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड टेक्‍नोलॉजी की स्थापना की।
2008 में उन्‍होंने जेपी गंगा इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन का गठन किया और एक्‍सप्रेस वे का निर्माण किया।
रियल एस्टेट कारोबार में एंट्री

जेपी ग्रुप ने लगभग डेढ़ दशक पूर्व रियल एस्टेट कारोबार में एंट्री की। ग्रुप ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई रेजीडेंशियल और कॉमिर्शयल कॉम्प्लेक्स लॉन्च किए। हालांकि इनमें से अधिकांश प्रोजेक्‍ट पूरे नहीं हुए। 2011 में कंपनी कंपनी ने बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट तैयार कराया। 2012 में यमुना एक्सप्रेसवे का प्रोजेक्‍ट तैयार कर कंपनी ने एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर दी।
जेपी ग्रुप: आंकड़ों में एक नजर

कुल कर्ज: करीब 85,726 करोड़ रुपए
कुल एसेट: एक खरब रुपए से भी अधिक
रियल स्टेट सेक्टर – टोटल 48 करोड़ स्क्वेर फीट एरिया में कंस्ट्रक्शन, जिसमें से 63 फीसदी दिल्ली एनसीआर में
एसेट और बिजनेस 

1. नोएडा और आगरा के बीच में 165 किलोमीटर का यमुना एक्सप्रेसवे
2. जिराकपुर-परवानू एक्सप्रेसवे
3. कानपुर में 0.7 मैट्रिक टन उत्पादन क्षमता वाला गैस बेस्ड फर्टिलाइजर प्लांट
4. नोएडा मे फॉर्मूला टै्रक
5. 3,133.5 करोड़ रुपए (बाहरी) का इंजीनियरिंग, प्रिक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन बिजनेस ऑर्डर बुक
6. 10.7 करोड़ वर्ग फीट का रियल स्टेट डेवलपमेंट
7. पांच होटल 859 कमरों का
मुद्रीकरण के तहत संपत्ति (24,441 करोड़) आजतक पूरा डाइवेस्टमेंट (16,240 करोड़ रुपए )

1. 4.8 मैट्रिक टन उत्पादन क्षमता वाला गुजरात सिमेंट प्लांट को अल्ट्राटेक को 3,800 करोड़ रुपए में 100 फीसदी स्टेक बेचा
2. 1500 करोड़ में गौर सन्स को जमीन बेचा
3. 2.1 मैट्रिक टन उत्पादन क्षमता वाला बोकारो सीमेंट को डालमिया भारत ने 690 करोड़ रुपए में 74 फीसदी स्टेक खरीदा
4. पानीपत ग्राइंडिंग पावर प्लांट को 360 करोड़ रुपए में 100 फीसदी बेचा
5. हिमाचल प्रदेश के दो हाइड्रो पावर प्लांट्स को जेएसडब्ल्यू एनर्जी ने 9700 करोड़ में 100 फीसदी स्टेक खरीदा
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो