टाॅप मैनेजमेंट पर कर्मचारियों का कम हुआ भरोसा
सूत्रों के मुताबिक कंपनी के लिए 60 दिनों बाद परिचालन मुश्किल हो जाएगा आैर बचत के लिए कंपनी कर्मचारियों की सैलरी घटा सकती है, हालांकि कंपनी अपने खर्चे कम करने के लिए दूसरे उपायों के बारे में भी सोच रही है। यदि खर्च कम करने के लिए कंपनी ने काेर्इ कदम नहीं उठाया तों कंपनी के लिए दो माह बाद परिचालन करना मुश्किल हो जाएगा। सूत्र ने कर्मचारियों के बारे में बोलते हुए कहा कि इतने वर्षों से कंपनी ने उन्हें इस बाबत कोर्इ जानकरी नहीं दी एेसे में कर्मचारियों का टाॅप मैनेजमेंट पर भरोसा कम हुआ है।
25 फीसदी तक सैलरी कटौती के लिए तैयार रहें कर्मचारी
जेट एयरवेज के एग्जिक्यूटिव्स ने बताया कि कंपनी ने कर्मचारियों की छटनी तक शुरु कर दी है। छटनी के लिए कंपनी ने सबसे पहले शुरुअात इंजिनियरिंग डिपार्टमेंट के लोगाें से की है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कंपनी ने इंजिनियरिंग डिपार्टमेंट में दिल्ली के लिए हेड आॅफ लाइन से छुट्टी पर जाने को कहा है। इसके बाद अगला नंबर केबिन क्रू आैर ग्राउंड हैंडलिंग डिपार्टमेंट का होगा। विमान कंपनी ने अपने कर्मचारियों से साफ ताैर पर कहा है कि उन्हें 25 फीसदी तक सैलरी में कटौती काे बर्दाश्त करना पड़ सकता है। इस कदम से कंपनी को सालाना 500 करोड़ रुपये की बचत होगी।
कच्चे तेल आैर बाजार में इंडिगो के बढ़ते वर्चस्व से हुअा कंपनी को घाटा
चेयरमैन नरेश गोयल के नेतृत्व में प्रबंधन ने मुंबर्इ में कर्मचारियों से मुलाकात कर इस बात की जानकारी दी कि उनकी सैलरी में कटौती की जा सकती है। हालांकि उन्होंने ये भी बताया कि ये कटौती दो साल के लिए ही होगी आैर बाद में कर्मचारियों को रिफंड भी किया जाएगा। कंपनी ने अपनी वित्तीय हालात कमजोर होने का कारण कच्चे तेल के दाम में बढ़ोतरी आैर विमान सेवा बाजार में इंडिगो एयरलाइंस का बढ़ता वर्चस्व बताया है। बता दें बीते छह साल से कंपनी ने कोर्इ विस्तार नहीं किया है। साल 2016 आैर 2017 में कंपनी को लगातार दो साल मुनाफा तो हुआ था लेकिन वित्त वर्ष 2018 में कंपनी को 767 करोड़ रुपये का घाटा हो चुका है।