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अमेजन और फ्लिपकार्ट पोर्टल पर दिए जा रहे तगड़े डिस्काउंट पर उठे सवाल, देश के कारोबारियों ने मांगा जवाब

Published: Oct 14, 2019 12:08:53 pm

Submitted by:

manish ranjan

Amazon, Flipkart की तगडे डिस्काउंट पर उठे सवाल
देश के कारोबारियों ने मांगा जबाब

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नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल के स्पष्ट निर्देशों के बाद नई दिल्ली के उद्योग भवन में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) एवं अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट के बीच वाणिज्य मंत्रालय द्वारा आयोजित की गई बैठक के सन्दर्भ में आगे कदम उठाते हुए कैट ने उन सभी प्रमुख ब्रांडों एक पत्र भेजा है जिनके उत्पाद अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट दोनों के ई वाणिज्य पोर्टलों पर बेचे जाते हैं और सभी ब्रांड कंपनियों से यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि क्या अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर विभिन्न उत्पादों पर गहरी छूट उनके द्वारा दी जा रही है जैसा कि अमेज़न और फ्लिपकार्ट दोनों ने उपरोक्त बैठक में दावा किया है !

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बीसी भारतीय एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने ब्रांड्स कंपनियों को भेजे पत्र में कहा कि अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट पर उनके ब्रांड के विभिन्न उत्पादों पर दी जा रही गहरी छूट के सवाल पर अमेज़न और फ्लिपकार्ट दोनों ने स्पष्ट रूप से कहा कि पोर्टल कोई छूट नहीं दे रहे हैं और यह विभिन्न ब्रांड हैं जो इस तरह की गहरी छूट दे रहे हैं और अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट की उनके पोर्टल्स पर छूट में कोई भूमिका नहीं है। एक अन्य प्रश्न में, अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट दोनों ने कहा कि यह ब्रांड ही हैं जो इन पोर्टलों पर विक्रेताओं को विशेष उत्पाद देते हैं जो बाज़ार में नहीं मिलते और इस पर भी अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट की कोई भूमिका नहीं है। यह उनका आधिकारिक बयान है, जो कैट को वाणिज्य मंत्रालय द्वारा बुलाई गई आधिकारिक बैठक में दिया गया है।

कैट ने कहा कि अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट का ऐसा बयान जो ऑफ़लाइन और ऑनलाइन व्यापार दोनों में ऑनलाइन एवं ऑफलाइन व्यापार में मूल्य और छूट में अलग अलग नीति होने से ब्रांडों की दोहरी नीति को दर्शाता है, जो सीधे रूप से व्यापारिक भेदभाव और अनुचित व्यापार प्रथाओं को दर्शाता है जिसे व्यावसायिक मानदंडों के तहत अनुमति नहीं है।

व्यापारियों की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि देश भर के व्यापारी दशकों से ब्रांड्स के साथ काम कर रहे हैं, जहाँ तक उनकी मूल्य नीति का सवाल है व्यापारियों को ब्रांड कंपनियों पर हर विश्वास है । किन्तु जिस प्रकार से अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट ने सरकारी बैठक में अपने ई कॉमर्स पोर्टल पर छूट की जिम्मेदारी ब्रांड कंपनियों पर सीधे रूप से डाली है और इसे दोनों कंपनियों ने अपना अधिकृत बयान करार दिया है तो कैट ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है। इस बारे में ब्रांड्स से स्पष्टीकरण मांगते हुए कैट ने प्रत्येक ब्रांड को भेजे पत्र में कहा कि “चूंकि आपका ब्रांड अमेज़न /फ्लिपकार्ट ई कॉमर्स पोर्टल्स पर बेचा जा रहा है, इसलिए हम आपसे आग्रह करते हैं की आप यह स्पष्ट करें कि क्या इन पोर्टल्स पर जी गहरी छूट दी जा रही है क्या वो आपके द्वारा दी जा रही है ? आपका स्पष्टीकरण इसलिए आवश्यक है क्योंकि इस बेहद गंभीर मुद्दे को हम सरकार के शीर्ष नेतृत्व के पास ले जाएंगे ।

कैट ने शीघ्र ही इस मुद्दे पर नई दिल्ली में ब्रांड् कंपनियों की एक मीटिंग बुलाने का भी इरादा जताया और ब्रांड कंपनियों से इस मीटिंग में शामिल होने का आग्रह भी किया है ! श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि देश भर के करोड़ों व्यापारियों ने ब्रांडों की वर्तमान वैल्यूएशन में एक बड़ा योगदान दिया है क्योंकि सभी ब्रैंडन के विभिन्न उत्पादों को वितरकों,थोक विक्रेताओं, अर्ध-थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं के माध्यम से देश के कोने कोने में वितरित कर एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण किया है जो दुनिया की सबसे बड़ी आपूर्ति श्रंखला है।इसमें व्यापारियों ने बहुत मेहनत की है और भारी मात्रा में निवेश भी किया है !

कैट ने आगे कहा कि “देश भर के व्यापारियों के शीर्ष निकाय होने के नाते देश भर में 40 हजार से अधिक व्यापार संघों के माध्यम से लगभग 7 करोड़ व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करते हुए हम इस बहुत महत्वपूर्ण मुद्दे पर बेहद गंभीर और चिंतित हैं जिसने पूरे ऑफ़लाइन व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। इस मुद्दे को इसके तार्किक निष्कर्ष पर ले जाने के लिए कैट दृढ़ हैं इसलिए गहरी छूट और विभिन्न उत्पादों का केवल ऑनलाइन पर बिक्री के सम्बन्ध में पर आपका स्पष्टीकरण अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट दोनों के आधिकारिक बयान द्वारा उठाए जा रहे भ्रम को दूर करने के लिए बेहद जरूरी है “
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