सिस्टम विकसित करने पर दिया जोर आचार्य बालकृष्ण ने कहा है बीते वित्त वर्ष में पतंजलि ने इंफ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई चेन के विकास पर ध्यान दिया है। इसके अलावा सिस्टम विकसित करने पर भी ध्यान दिया गया। उन्होंने कहा कि इस साल कंपनी की ओर से कमाई बढ़ाने पर जोर नहीं दिया गया। हालांकि आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि चालू वित्त वर्ष में अच्छा व्यवसाय करेगी। उन्होेंने निसंकोच स्वीकार किया कि नोटबंदी और जीएसटी के लागू होने से पतंजलि के व्यवसाय पर असर पड़ा है।
पतंजलि की कमाई घटी, अन्य कंपनियां मुनाफे में जानकारी के अनुसार 31 मार्च 2017 को खत्म हुए वित्त वर्ष में बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को 10,561 करोड़ रुपए की कमाई हुई थी। यह आंकड़ा 2016 के मुकाबले दोगुना था। अब आचार्य बालकृष्ण के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18 में भी कंपनी को 2017 के बराबर ही आय हुई है। इससे स्पष्ट है कि कंपनी की ग्रोथ में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। पतंजलि की बिक्री में कमी के इतर समान वित्त वर्ष में पैकेज गुड्स बेचने वाली कंपनियों ने बढ़ोत्तरी दर्ज की है। जानकारी के अनुसार बीते वित्त वर्ष में हिन्दुस्तान यूनीलीवर की बिक्री में 2.2 फीसदी, नेस्ले इंडिया की बिक्री में 10.5 फीसदी, आईटीसी की बिक्री में 11.3 फीसदी का इजाफा हुआ है।
2019 तक सबसे बड़ी कंपनी बनने के दावे को झटका आचार्य बालकृष्ण के इस दावे के बाद बाबा रामदेव के 2019 तक पतंजलि को भारत की सबसे बड़ी पैकेज गुड्स कंपनी बनने के दावे को झटका लगा है। 4 मई 2017 को बाबा रामदेव ने एक कार्यक्रम में कहा था कि पतंजलि का सालाना कारोबार मार्च 2018 तक दोगुना होकर 20 हजार करोड़ तक पहुंच जाएगा। साथ ही दावा किया था कि 31 मार्च 2019 तक पतंजलि भारत की सबसे बड़ी पैकेज गुड्स कंपनी हिन्दुस्तान यूनीलीवर को पीछे छोड़कर सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी। आपको बता दें कि पतंजलि के उत्पाद पिछले कुछ सालों में आम लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हुए हैं। बाबा रामदेव खुद पतंजलि के सामानों का प्रचार करते हैं।