बचपन से था शौक, अपनी सैलेरी से खरीदी बुलेट
मेघा ने बताया, बचपन से ही मुझे बाइक आकर्षित करती थी। कॉलेज में आकर मैंने बाइक चलाना सीखा और नौकरी लगी तो अपनी सैलेरी से सबसे पहले बुलेट ही खरीदी। चूंकि शहर में बाइक चलाना आसान होता है, इसलिए मैंने टफ टै्रक्स पर राइडिंग शुरू की। राइड्स ऑफ राइडर्स ग्रुप से जुड़ी तो ज्ञानदीप श्रीवास्तव और अन्य दोस्तों ने राइडिंग की बहुत सी जरूरी बातें सिखाई। ग्रुप के साथ राइड की तो लगा कि कुछ बड़ा करना चाहिए। इसके बाद लद्दाख जाने का फैसला लिया।