यूनिवर्सिटी में रोज करीब एक दर्जन गाडिय़ों का इस्तेमाल नालंदा से तक्षशिला परिसर के बीच आने-जाने में किया जाता है। इसमें भारी मात्रा में ईंधन खर्च के साथ ही कॉर्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जित होने से पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। नैक के पिछले दौरे के मद्देनजर यहां ग्रीन यूनिवर्सिटी पॉलिसी लागू की गई। इसके तहत यूनिवर्सिटी ने जनवरी में इलेक्ट्रिक कार खरीदने का प्रस्ताव बनाया था। कार्यपरिषद की बैठक में इसे मंजूरी भी दे दी गई, लेकिन एक भी इलेक्ट्रिक कार नहीं खरीदी गई।
पांच कार खरीदने पर फ्री में बनाएंगे स्टेशन
रजिस्ट्रार अनिल शर्मा का कहना है, इलेक्ट्रिक कार कितनी सफल है इसका आकलन अभी नहीं किया जा सकता। इलेक्ट्रिक कार एक बार चार्ज होने पर 150 किलोमीटर सफर तय करती है। कार सप्लाय करने वाली कंपनी पांच कारें लेने पर नालंदा और तक्षशिला दोनों परिसर में स्टेशन नि:शुल्क बनवाने को भी राजी है।