हीरा नगर के बाल सुधार गृह में मंगलवार को पहले नाबालिग अपचारियों (आरोपियों) के बीच जमकर संघर्ष हुआ। एक-दूसरे के साथ मारपीट की और फिर पांच आरोपियों ने मिलकर दो नाबालिगों पर हमला किया और मौका मिलते ही खिडक़ी तोडक़र भाग गए। घटना में सुधार गृह अधीक्षक और कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है। घंटों तक वे पुलिस को सही जानकारी देने से बचते रहे।
सीएसपी निहित उपाध्याय के मुताबिक, दो नाबालिग जिन पर हत्या का मामला है, वे पंढरीनाथ क्षेत्र के रहने वाले हैं। जुलाई 2016 में इन्होंने राजबाड़ा की कपड़ा दुकान पर काम करने वाले छोटू उर्फ यासिर की हत्या कर दी थी। उसकी गर्दन काटकर दो हिस्सों में शव को दफना दिया था। इन दोनों के अलावा दुकान मालिक दिनेश शर्मा, राहुल पंवार और चिंटू मगरोले भी आरोपी हैं। ये तीनों जेल में बंद हैं। यासिर दिनेश के घर की महिलाओं पर बुरी नजर रखता था। इससे दिनेश उससे नाराज चल रहा था। उसने ही बाकी चारों को यासिर को मारने की सुपारी दी थी। इसमें कोर्ट का फैसला आना बाकी है।
पांचों के खिलाफ अलग-अलग संगीन अपराध हैं दर्ज ये दोनों नाबालिग अब बालिग हो गए हैं, लेकिन जब तक कोर्ट में फैसला नहीं हो जाता, इन्हें यहीं रखा जाना था। एक अन्य नाबालिग खंडवा का है। उसके खिलाफ अनैतिक कृत्य का मामला दर्ज हुआ था और कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई थी। चौथा नागदा का है, जिस पर दुष्कर्म का प्रकरण विचाराधीन है। पांचवां नाबालिग आरोपी रीवा के खेमरिया का रहने वाला है और उस पर धोखाधड़ी, षड्यंत्र रचने के मामले में प्रकरण चल रहे हैं। वह पहले भी भाग चुका है, तब गुना से पकड़ाया था।