इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। भगवान शिव और पार्वती से सदा सुहागन का आर्शीवाद मांगती हैं। यह व्रत निराहार और निर्जला होता है. मान्यता है कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शंकर को प्राप्त करने के लिए किया था. इसलिए यह कहा जाता है कि माता पार्वती की तरह अच्छा वर प्राप्त करने के लिए कुंवारी कन्याएं भी इस व्रत को रख सकती हैं। व्रत रखते समय कुछ सावधानियां रखना जरूरी होती है।
रात में नहंी सोए हरतालिका तीज के व्रत दिन के बजाय का रात का महत्व ज्यादा है। व्रत के दौरान रात में सोना नहीं चाहिए। भजन कीर्तन और भगवान शिव की पूजा अर्चना और भजन-कीर्तन करना चाहिए।
क्रोध से बचें व्रत के दौरान शांत मन से रहना चाहिए। क्रोध से दूर रहना चाहिए मन शांत रखकर भक्ति में लीन होकर परिवार का माहौल भक्तिमय में शांत रखना होगा ताकि व्रत सफल हो सके।
पति से विवाद न हो यह व्रत पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है अगर पति से इस दिन विवाद या मनमुटाव हुआ तो व्रत का फल नहंी मिल पाएगा। भगवान खुद भी इसे स्वीकार नहीं करते है।
तरल पदार्थ न ले यह व्रत नर्जल रखना होता है इसीलिए इसमे तरल पदार्थ भी वर्जित होते है पानी के साथ ही दूध और ज्युस जैसी चीजें भी नहीं पीना चाहिए। अगर कोई महिला ऐसा करती है तो पुराणों के अनुसार अगले जन्म में सर्प योनि मिलती है।