scriptडीएवीवी का घेराव : विद्यार्थियों ने कहा- हमने सीईटी डीएवीवी में दी थी राजभवन में नहीं | Students said - We had given CET in DAVV not in Raj Bhawan | Patrika News

डीएवीवी का घेराव : विद्यार्थियों ने कहा- हमने सीईटी डीएवीवी में दी थी राजभवन में नहीं

locationइंदौरPublished: Jul 16, 2019 03:30:01 pm

आमरण अनशन पर बैठे पूर्व ईसी सदस्य – डीएवीवी में धारा 52 लागू हुए 22 दिन बीतने के बाद भी नहीं मिल सका नया कुलपति
 

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इंदौर यूनिवर्सिटी का घेराव : विद्यार्थियों ने कहा- हमने सीईटी डीएवीवी में दी थी राजभवन में नहीं

इंदौर. देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में कुलपति हटाए 22 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक नया नाम तय नहीं हो पाया है। इसकी वजह से सारा कामकाज ठप है। खासकर सीईटी पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है। इससे आक्रोशित विद्यार्थियों ने सोमवार को यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन कर सीईटी के रिजल्ट तुरंत घोषित करने की मांग की। अफसरों ने उन्हें समझाया कि कुलपति की नियुक्ति होने तक कुछ नहीं कर सकते, राजभवन से इस बारे में चर्चा चल रही है। इस पर विद्यार्थियों ने दो टूक कहा कि हमने सीईटी का आवेदन यूनिवर्सिटी में दिया था, राजभवन में नहीं।
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उधर, पूर्व ईसी सदस्य अजय चौरडिय़ा भी कुलपति की नियुक्ति तक आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने भोपाल में राजभवन के सामने भी प्रदर्शन किया। शासन और राजभवन के बीच चल रही खींचतान में सबसे ज्यादा नुकसान सीईटी (कॉमन इंट्रेंस टेस्ट) देने वाले उठा रहे हैं। बड़ी संख्या में सीईटी देने वाले छात्र-छात्राएं सोमवार को यूनिवर्सिटी पहुंचे। उन्होंने यूटीडी में एडमिशन की स्थिति स्पष्ट करने की मांग करते हुए काम बंद करा दिया।
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प्रभारी रजिस्ट्रार अनिल शर्मा और छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष प्रो.एलके त्रिपाठी उनसे चर्चा के लिए पहुंचे। छात्र सीईटी का रिजल्ट जारी करने की बात पर अड़ गए। अधिकारियों ने कहा, कुलपति की नियुक्ति होने तक सीईटी पर निर्णय नहीं हो सकेगा। इस मामले में शासन और राजभवन की चर्चा चल रही है। इस पर छात्र भडक़ गए और कहने लगे, हमने सीईटी का आवेदन डीएवीवी में किया था न कि राजभवन में। सीईटी में देरी का फायदा निजी कॉलेज उठा रहे हैं।
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हजारों फाइल अटकीं प्रो.पीएन मिश्रा ने कहा, कुलपति नहीं होने से यूनिवर्सिटी की हजारों फाइल अटकी हैं। इनमें मेरे विभाग की ही 49 फाइल हैं, जितने भी टैलेंटेड बच्चे थे, उन्होंने बाहर के निजी कॉलेजों में एडमिशन ले लिए। छपरवाल ने कहा, पहली बार नियम विरुद्ध कुलाधिपति नाम दे रही हैं।
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राजभवन का कटाक्ष

राजभवन ने अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखते हुए 16 जुलाई को सुबह 11 बजे परामर्श के लिए बुलाया है। कुलाधिपति ने 3 नाम का पैनल राज्य सरकार को भेजा था, जो वापस नहीं मिला। परामर्श की प्रक्रिया के दौरान शासन के पास विचारार्थ है तो हायर एजुकेशन कमिश्नर को किस प्रावधान के तहत कुलपति का चार्ज सौंपने का प्रस्ताव तैयार कराया गया।
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