scriptसांप को दूध पिलाना चाहिए या नहीं ? पुण्य कमाने के चक्कर में कहीं पाप तो नहीं कर रहे लोग | Should snake be feed milk or not Are people committing sins while trying to earn virtue | Patrika News
इंदौर

सांप को दूध पिलाना चाहिए या नहीं ? पुण्य कमाने के चक्कर में कहीं पाप तो नहीं कर रहे लोग

हिंदू धर्म में सांप को देवता माना जाता है। खुद महादेव सर्प को अपने गले से लपेटे हुए हैं। लेकिन, इन सब बातों से अलग क्या सांप वाकई दूध पीता भी है ? आइये जानें..।

इंदौरApr 25, 2024 / 11:48 am

Faiz

snake feeding milk
अबतक आपने कई फिल्मों या असलियत में सांप को दूध पिलाते देखा या सुना होगा। नागपंचमी, शिवरात्रि या सावन के मौके पर अकसर आपने कहीं न कहीं सांप को दूध पिलाने के दृश्य दिखने आम सी बात होती है। इन मौकों पर भक्ति में लीन कई भक्त बड़ी संख्या में सांपों को दूध पिलाते नजर आते हैं। इसका सीधा संबंध हिंदू धर्म से भी है, क्योंकि हिंदू धर्म में सांप को देवता माना जाता है। खुद महादेव भी सर्प को अपने गले से लपेटे हुए हैं। लेकिन, इन सब बातों से अलग क्या सांप वाकई दूध पीता भी है ?
सांपों को दूध पिलाने की घटनाओं या मान्यताओं की पैठ समाज में गहरे तक हैं। यही कारण है कि ज्यादातर लोग यही मानते हैं कि सांप दूध पीता है। अकसर त्योहारी सीजन में सोशल मीडिया पर भी इसपर प्रतिक्रियांएं देखने को मिल जाती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि विज्ञान इसे किस तरह देखता है। वैज्ञानिक आधार पर तो सांप के दूध पीने की क्रिया को महज एक भ्रांति माना जाता है। जीव वैज्ञानिकों के तर्क पर गौर करें तो सांप दूध पीता ही नहीं पाता। जी हां, विज्ञान के अनुसार, सांप एक सरीसृप वर्ग का मांसाहारी जीव है। ये अपने आहार में मेंढक, चूहा, पक्षियों के अंडे समेत की दूसरे जीव जंतुओं को निगलकर अपना पेट भरता है। साथ ही, ये कभी भी स्वेच्छा से दूध नहीं पीता।
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अगर सांप दूध पी ले तो..

मध्य प्रदेश के आर्थिक शहर इंदौर के जू क्यूरेटर निहार परुलेकर ने इस संबंध में मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि लोगों को करतब दिखाने के लिए सपेरे सांप को लंबे समय तक भूखा-प्यासा रखते हैं। करतब दिखाते समय जब भूखे-प्यासे सांप को दूध मिल जाता है तो वो इसी को पी लेता है। लेकिन कई बार जल्द बाजी में पिया जाने वाला दूध सांप के फेफड़ों में चला जाता है, जिससे उसे निमोनिया तक हो जाता है। ऐसे में अगर समय रहते उसे इलाज न मिले तो उसकी मौत भी हो जाती है। इसके बाद भी अकसर लोग त्योहार के दिनों में अंधविश्वास की भेंट चढ़कर सांप को दूध चढ़ाते हैं।

..तो इसलिए दूध पी लेता है सांप

निहार परुलेकर ने आगे ये भी कहा कि, सपेरों द्वारा सांप के दांत को तोड़कर उनका मुंह सिल देते हैं। इस तरह सांपो को कई दिनों तक भूखा रखा जाता है। ऐसे में जब कई दिनों तक भूखा रहने के बाद उसे भोजन के रूप में जो भी दिया जाता है, वो ग्रहण कर लेता है। लेकिन, खासतर पर लोग उसे दूध देते हैं। ऐसे में भूखा सांप दूध ग्रहण कर लेता है और बाद में उसकी मौत तक हो जाती है। संपेरों द्वारा जंगलों से पकड़े जाने वाले सांपों में ज्यादातर भारतीय कोबरा और सैंडबुआ सांप होते हैं।
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सांप पकड़ने की सजा

जू क्यूरेटर निहार परुलेकर ने सांप पकड़ने और उसे पीड़ा देने की कानूनी सजा बताते हुए कहा कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत सांप शेड्यूल वन श्रेणी के प्राणी हैं। सांप मारना या पकड़ना, डिब्बे में बंद करना, विष की थैली निकालना, चोट पहुंचाना, प्रदर्शनी लगाना कानूनी तौर पर अपराध है। अधिनियम के तहत पहली बार सांप पकड़ने पर 3 साल सजा और 25 हजार जुर्माने का प्रावधान है। वहीं दोबारा सांप के साथ पकड़े जाने पर 7 साल सजा के साथ 25 हजार जुर्माना के प्रावधान है। बीते कुछ सालों में इंदौर समेत आसपास के इलाकों से प्रशासन ने कई सपेरों से सांप आजाद कराए हैं।
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