बिजली सप्लाय करने के लिए जो ट्रांसफार्मर लगाया जाना है वो लगभग ७० टन वजनी है। साथ ही इसे जमीन पर बने प्लेटफार्म पर लगाया जाना है। बिजली कंपनी ने ट्रांसफार्मर तो गुरूवार को ही नगर निगम को दे दिया था। लेकिन इसे यहां तक लाने के लिए आवश्यक लो फ्लोर ट्राला नगर निगम के पास नहीं था। ये ट्राला शुक्रवार को नगर निगम ने भोपाल से जलूद बुलवाया। वहीं इस ट्राले की जमीन से ऊंचाई काफी कम होने के कारण इसका भकलाय प्लांट तक पहुंचना नामुमकिन हो गया था। निगम ने इसको ट्रांसफार्मर निर्धारित जगह तक पहुंचाने के लिए उबड़ खाबड़ रास्तों को सुधारने का काम शुक्रवार से शुरू करवाया। यहां रास्ते में मौजूद मिट्टी के टिलों को हटाने के साथ ही निचली जगहों को मिट्टी से भरने का काम शुरू किया गया। ये काम शुक्रवार रात तक चलता रहा। बताया जा रहा है कि शनिवार दोपहर तक ये रास्ता बन पाएगा। इसके बाद ही ट्रांसफार्मर यहां तक लाया जा सकेगा। उसके बाद ही इसे यहां पर लगाने का काम शुरू हो पाएगा। वहीं इसके लगने के बाद ही इसको मुख्य लाइन से जोडक़र बिजली सप्लाय शुरू हो पाएगी। ऐसे में नगर निगम द्वारा पहले तय किया गया, सोमवार तक पानी सप्लाय सामान्य करने के लक्ष्य से नगर निगम पिछड़ता जा रहा है। बताया जा रहा है कि अब बुधवार तक ही पानी सप्लाय सामान्य हो पाएगा।
बिजली कंपनी से लिया किराए पर
बिजली कंपनी से लिया किराए पर
रविवार को हुए फाल्ट में जले ट्रांसफार्मर के स्थान पर नगर निगम ने अपने पुराने स्पेयर के ट्रांसफार्मर को लगाने की कोशिश की थी। लेकिन ये ट्रांसफार्मर भी खराब हो गया था। जिसके बाद नगर निगम ने बिजली कंपनी से ट्रांसफार्मर किराए पर लिया है। बिजली कंपनी ने ये ट्रांसफार्मर निगम को दे दिया है। लेकिन इसे जगह तक ले जाने का काम नगर निगम को ही करना है।
रोज खाली रह रही टंकियां
रोज खाली रह रही टंकियां
नर्मदा से इंदौर आने वाले 450 एमएलडी पानी में से महज ३६० एमएलडी पानी ही अभी इंदौर आ पा रहा है। जिसके कारण शहर में रोजाना 5 से ज्यादा टंकियां पूरी क्षमता तक नहीं भरी जा पा रही है। इससे शहर में पानी की किल्लत बनी हुई है। ये हालात सोमवार से इसी तरह से बने हुए हैं।
0 ट्रांसफार्मर तो हमें मिल गया है, लेकिन इसे यहां तक लाने वाले ट्राले और उसको लाने के लिए रास्ता बनाने में समय लग रहा है। ये रास्ता हम तेजी से बनाने की कोशिश कर रहे हैं। रास्ता बनने के साथ ही हम ट्रांसफार्मर को लगाने का काम शुरू कर देंगे।
– चैतन्य रघुवंशी, कार्यपालन यंत्री, नगर निगम
– चैतन्य रघुवंशी, कार्यपालन यंत्री, नगर निगम